बरेली: ई-वे बिल के नए प्रावधान से व्यापारियों को मिलेगी सहूलियत

बरेली, अमृत विचार। व्यापारियों की ई-वे बिल से जुड़ी मांगों को जीएसटी काउंसिल ने मान लिया है। पूर्व की व्यवस्था में वाणिज्य कर विभाग की प्रवर्तन टीम बिना ई-वे बिल के माल परिवहन करने पर जब्ती के दौरान टैक्स और जुर्माना दोनों वसूलता है लेकिन अब माल पकड़े जाने पर व्यापारियों को टैक्स नहीं सिर्फ …
बरेली, अमृत विचार। व्यापारियों की ई-वे बिल से जुड़ी मांगों को जीएसटी काउंसिल ने मान लिया है। पूर्व की व्यवस्था में वाणिज्य कर विभाग की प्रवर्तन टीम बिना ई-वे बिल के माल परिवहन करने पर जब्ती के दौरान टैक्स और जुर्माना दोनों वसूलता है लेकिन अब माल पकड़े जाने पर व्यापारियों को टैक्स नहीं सिर्फ दोगुना जुर्माना देना पड़ेगा। नई व्यवस्था नए साल के पहले दिन से लागू हो जाएगी। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि टैक्स में छूट से कोई खास सहूलियत नहीं मिलेगी। दोगुना जुर्माना तो अदा करना ही पड़ेगा।
डिप्टी कमिश्नर गौरी शंकर ने बताया कि बिना बिल का माल पकड़े जाने पर उसे छोड़ने के लिए टैक्स और उसके बराबर जुर्माने की अदायगी के लिए संबंधित अधिकारी डिमांड नोटिस जारी करते थे। उस माल पर व्यापारी द्वारा टैक्स भुगतान कर दिया गया होता है। इनवाइस में टैक्स भुगतान का उल्लेख भी होता है। बावजूद व्यापारियों को दोहरा टैक्स देना होता था। कई व्यापारिक संगठनों की तरफ से इस व्यवस्था का लंबे समय से विरोध किया जा रहा था।
कारण कि संविधान में दोहरे टैक्स की व्यवस्था नहीं है। इस कारण अब जीएसटी काउंसिल ने व्यवस्था में बदलाव किया है। उनके मुताबिक 1 जनवरी से वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम की धारा 129 के तहत माल पकड़े जाने पर व्यापारियों से टैक्स वसूली नहीं होगी। व्यवस्था में बदलाव से व्यापारियों को खास राहत नहीं मिलेगी मगर दोहरा टैक्स नहीं देना पड़ेगा। अब उन्हें दोगुना जुर्माना अदा करना होगा। अलग-अलग माल पर टैक्स और जुर्माना अलग-अलग लगता है। टैक्स के मुकाबले जुर्माने की रकम भी काफी अधिक होती है।