अयोध्या: राम मंदिर के लिए बेस्ट है कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थर, बैठक में विशेषज्ञों ने दिया सुझाव

अयोध्या। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय मासिक बैठक का गुरुवार देर शाम समापन हो गया। बैठक के दौरान मंदिर में लगने वाले ग्रेनाइट पत्थरों के बारे में चर्चा हुई। इस दौरान तय हुआ कि राजस्थान से कहीं ज्यादा अच्छे पत्थर कर्नाटक के रहेंगे, जो वजन सहने में भी सहायक होंगे। इसी के साथ …
अयोध्या। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय मासिक बैठक का गुरुवार देर शाम समापन हो गया। बैठक के दौरान मंदिर में लगने वाले ग्रेनाइट पत्थरों के बारे में चर्चा हुई। इस दौरान तय हुआ कि राजस्थान से कहीं ज्यादा अच्छे पत्थर कर्नाटक के रहेंगे, जो वजन सहने में भी सहायक होंगे। इसी के साथ मन्दिर की सुरक्षा व 70 एकड़ में और किन किन भवनों का निर्माण शुरू कराना है। इस पर भी मंथन हुआ।
सर्किट हाउस में बैठक की अध्यक्षता मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने की। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में लगने वाले ग्रेनाइट पत्थर बाहर से तो ठीक दिखते हैं, लेकिन अंदर कुछ दोष भी होते हैं। इसके लिए पत्थरों के विशेषज्ञों को बुलाया गया था। दिल्ली आईआईटी से आए प्रोफेसर केएस राव व पुणे से आये विशेषज्ञ ने राजस्थान और कर्नाटक के ग्रेनाइट पत्थरों के गुण और दोष के बारे में बताया।
इस दौरान राजस्थान के ग्रेनाइट पत्थर को कहां लगाना है और कहां नहीं इस पर चर्चा हुई। साथ ही यह भी बात सामने आई कि कर्नाटक का पत्थर बेस्ट होता है। कर्नाटक का ग्रेनाइट पत्थर लोड बीयरिंग होता है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर में सुरक्षा को लेकर भी काफी चर्चा हुई। इसके अलावा 70 एकड़ में मन्दिर के साथ-साथ और किन बिल्डिंगों का निर्माण शुरू कराया जाए। इस बात पर भी घंटों मंथन हुआ। इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा का केंद्र व मंदिर निर्माण साथ साथ पूरा होना चाहिए।
मंदिर में भगवान की रसोई, श्रद्धालुओं की प्रसाद की व्यवस्था व पुलिस की एक यूनिट बैठाने का इंतजाम कहां हो इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई। दो दिन की पूरी बैठक में मन्दिर के तकनीकी मुद्दों पर चर्चा हुई है। बैठक में ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, विमलेंद्र मोहन और एलएनटी के अधिकारी भी मौजूद थे।
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