बरेली: पोलैंड से लौटी एमबीबीएस की छात्रा समेत 3200 लोगों की हुई कोरोना की जांच

बरेली: पोलैंड से लौटी एमबीबीएस की छात्रा समेत 3200 लोगों की हुई कोरोना की जांच

बरेली, अमृत विचार। ऑमिक्रान के खतरे के बीच जिले में विदेश से आने वालों का सिलसिला जारी है। शनिवार को जिले में पोलैंड से लौटी एमबीबीएस की छात्रा की कोरोना की जांच की गई। जिले में विदेश से कुल 35 लोग लौटे जिनमें से छह उच्च जोखिम वाले देश समेत 24 लोगों को चिन्हित किया …

बरेली, अमृत विचार। ऑमिक्रान के खतरे के बीच जिले में विदेश से आने वालों का सिलसिला जारी है। शनिवार को जिले में पोलैंड से लौटी एमबीबीएस की छात्रा की कोरोना की जांच की गई। जिले में विदेश से कुल 35 लोग लौटे जिनमें से छह उच्च जोखिम वाले देश समेत 24 लोगों को चिन्हित किया गया। छह लोगों को स्वास्थ्य विभाग की आईडीएसपी टीम खोज रही है।

छह लोगों में फ्रांस, इटली, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम और बांग्लादेश से लौटे लोगों में बहेड़ी में दो, कर्मचारी नगर में दो, आलोक नगर में एक, डोहरा रोड में एक लोग पहुंचे। आईडीएसपी प्रभारी डा. अनुराग गौतम ने बताया कि छह लोगों के नंबर और पता गलत होने के चलते उन्हें ट्रेस नहीं किया जा सका, जल्द ही उन्हें ट्रेस किया जाएगा।

यूके से लौटे युवक का युवक हुआ आरटीपीसीआर सैंपल
बीते दिनों यूनाटेड किंगडम से लौटे युवक की शनिवार को 300 बेड अस्पताल स्टाफ ने आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि युवक की हालत फिलहाल सामान्य है। बता दें कि युवक को शुक्रवार को 300 बेड अस्पताल के अंतर्राष्ट्रीय वार्ड में भर्ती किया गया था।

कर्नाटक से लौटा युवक की रिपोर्ट आई निगेटिव
कर्नाटक में बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा बरेली का छात्र वहां पर हुई जांच में पाजिटिव था, लेकिन बरेली में कराई गईं एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच में वह निगेटिव निकला। हालांकि, उसको 300 बेड कोविड अस्पताल में एक दिन के लिए भर्ती किया गया था। कोविड-19 सर्विलांस टीम के प्रभारी ने बताया कि कई बार दो दिन में मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर रिपोर्ट में भी अंतर हो जाता है। छात्र के निगेटिव निकलने के बाद भी होम आइसोलेट करके उसकी निगरानी की जा रही है।

300बेड अस्पताल में बनाया गया प्रिजेम्प्टिव पीड्रियाट्रिक कोविड वार्ड
आरटीपीसीआर में निगेटिव लेकिन सीटी स्कैन में कोविड लक्षणों की पुष्टि होने वाले बच्चों के लिए प्रिजम्पटि पीड्रियाट्रिक कोविड वार्ड बनाया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें ऐसे मरीजों को कोविड अस्पताल में ही अलग वार्ड में रखा जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 25 से 30 फीसद रोगी ऐसे सामने आ रहे थे, जिनकी आरटीपीसीआर जांच तो निगेटिव रहती थी, लेकिन सीटी स्कैन कोरेड्स स्कोर पांच से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की तरह ही रहता था।

ऐसे मरीजों में भी संक्रमित मरीजों की तरह आक्सीजन स्तर खतरनाक स्तर तक गिरने लगता था मगर इन्हें न तो कोविड अस्पताल भर्ती कर रहे थे और न ही नॉन कोविड अस्पताल इनका इलाज कर रहे थे। ऐसे मरीजों के लिए उपचार के लिए वार्ड तैयार किया गया है।

जिला अस्पताल में बनाया गया ट्राईऐज वार्ड
जिला अस्पताल में कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए 20 बेड का ट्राईऐज वार्ड बनाया गया है। एडीएसआईसी डा. सुबोध शर्मा ने बताया कि तीसरी लहर की आशंका के बीच वार्ड में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने से पहले मरीजों को रखा जाएगा। पुष्टि होने के बाद संबंधित कोविड अस्पताल में मरीजों को रेफर किया जाएगा। वहीं, पोस्ट कोविड के मरीजों के लिए इमरजेंसी वार्ड के उपर 12 बेड का पोस्ट कोविड वार्ड बनाया गया है।