बरेली: क्विक वाटर फिलिंग सिस्टम देगा ट्रेनों को रफ्तार

बरेली: क्विक वाटर फिलिंग सिस्टम देगा ट्रेनों को रफ्तार

बरेली, अमृत विचार। रफ्तार बढ़ाए बगैर समय से ट्रेनें चलाए जाने की नीति पर रेलवे प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में रेल प्रशासन स्टापेज के दौरान ट्रेन में होने वाले कई प्रकार के कार्यों में, जिसमें समय लगता है, उसे कम करने की तैयारी में है। कुछ को छोड़कर …

बरेली, अमृत विचार। रफ्तार बढ़ाए बगैर समय से ट्रेनें चलाए जाने की नीति पर रेलवे प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में रेल प्रशासन स्टापेज के दौरान ट्रेन में होने वाले कई प्रकार के कार्यों में, जिसमें समय लगता है, उसे कम करने की तैयारी में है। कुछ को छोड़कर अधिकांश स्टेशनों पर ट्रेनों के स्टापेज के समय में कटौती करनी शुरू कर दी गई है। कई स्टेशनों पर पानी भरने के लिए भी ट्रेनों का स्टापेज ज्यादा देर तक रहता था। ऐसे में रेल प्रशासन ने क्विक वाटर फिलिंग सिस्टम के तौर पर समय की बचत के लिए नया तरीका खोज निकाला है। बरेली जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ब्लाक लेकर सिस्टम का ट्रायल किया गया। क्विक वाटर फिलिंग सिस्टम में पहले लगे हुए पाइप की जगह मोटे पाइप डाले गए हैं।

कोचों में पांच से सात मिनट में भर जाएगा पानी
पानी का प्रेशर बढ़ाने के लिए बीच-बीच में सिस्टम लगाए गए हैं। संबंधित विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड सिस्टम है। अगर 20 कोचों में पानी भरा जाना तो प्रेशर उसी के अनुसार होगा, जिससे ट्रेन के सभी कोच में पांच से सात मिनट में पानी भर जाएगा।

पान भरने में पहले लगता था अधिक समय
जिन स्टेशनों पर कोच में पानी भरा जाता है, वहां आम तौर पर 13 से 14 मिनट का समय लगता है। ऐसे स्टेशनों पर स्टापेज घटाकर छह से आठ मिनट करने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा यह सिस्टम लगाया गया है। बरेली जंक्शन पर कई ट्रेनों में पानी भरा जाता है। पुरानी व्यवस्था में सुधार करते हुए वाटर फिलिंग सिस्टम में नए पाइप लगाए गए हैं। हालांकि, यह कितना सफल होगा, आने वाला वक्त ही बताएगा, क्योंकि एक साथ सभी कोचों में पानी भरना है तो उसी संख्या के आधार पर लेबर भी चाहिए होगी।

वर्जन
क्विक वारट फिलिंग सिस्टम ट्रेनों को पानी भरने के लिए रोकने में लगने वाले समय की बचत करेगा। ट्रेनें भी अपने गंतव्य तक समय से पहुंचेंगी। यात्रियों को सुविधा होगी। बरेली जंक्शन पर इसकी टेस्टिंग हो चुकी है।   —-सुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद रेल मंडल