जनता का 157 करोड़ रुपये डुबोने का षड्यंत्र कर रही सरकार : पवन कुमार

जनता का 157 करोड़ रुपये डुबोने का षड्यंत्र कर रही सरकार : पवन कुमार

लखनऊ। बैंकों के निजीकरण के विरोध में राजधानी लखनऊ सहित देश भर के बैंक कर्मी गुरुवार को हड़ताल पर रहे। राजधानी में एसबीआई मुख्य शाखा के बाहर सैकड़ों कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। सभा को संबोधित करते हुए ऑयबाक (आल इण्डिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन कुमार ने सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के …

लखनऊ। बैंकों के निजीकरण के विरोध में राजधानी लखनऊ सहित देश भर के बैंक कर्मी गुरुवार को हड़ताल पर रहे। राजधानी में एसबीआई मुख्य शाखा के बाहर सैकड़ों कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। सभा को संबोधित करते हुए ऑयबाक (आल इण्डिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन कुमार ने सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको में जनता का जमा 157 लाख करोड़ रुपये डुबोने का षड़यंत्र रच रही है।

पवन कुमार ने कहा, जो भ्रष्ट पूंजीपति सरकारी बैंकों का हजारों करोड़ रुपये वापस नहीं कर पा रहे हैं उनके हाथों सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को बेचने की तैयारी सरकार के मानसिक दिवालियेपन को बताता है। पवन कुमार के अलावा नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलॉइज एनसीबीई के प्रदेश महामंत्री अखिलेश मोहन ने कहा कि बड़े औद्यौगिक घरानों ने राजनीतिक प्रभाव का उपयोग कर बैंकों को खूब लूटा है। आज बैंकों के कुप्रबन्धन के चलते अनेक घोटाले उजागर हो रहे हैं। इस स्थिति के लिये बैंककर्मी नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव जिम्मेदार है।

महिलाओं ने भी बढ़-चढकर लिया हिस्सा

बैंक हड़ताल में महिला कर्मचारियों और अधिकारियों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने सरकार की नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसबीआई में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत नीलम उपाध्याय ने कहा कि हम सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो देश की जनता के लिए घातक है। निजीकरण से बैंक पूंजीपतियों के हाथों में चले जाएंगे। सरकारी बैंक ही आज भी 95 प्रतिशत गरीब लोगों को लोन देती हैं।

प्रदेश में 20 हजार और राजधानी में 1500 करोड़ का लेनदेन प्रभावित

मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि हड़ताल से प्रदेश में 20 हजार और राजधानी लखनऊ में लगभग 1500 करोड़ रुपये का लेन देन प्रभावित रहा। लखनऊ में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की 905 शाखाओं के 10 हजार बैंककर्मी तथा प्रदेश की 14 हजार शाखाओं के दो लाख बैंककर्मी हड़ताल में शामिल रहे। लखनऊ में 990 एवं प्रदेश के 12 हजार एटीएम में में कैश समाप्त होने से लोग अपना पैसा नहीं निकाल सके। हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को इण्डियन बैंक शाखा (पूर्व इलाहाबाद बैंक), हजरतगंज के सामने सुबह 11:30 बजे सभा होगी।

ग्राहकों को हुई परेशानी

हड़ताल से विभिन्न बैंक शाखाओं में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। इससे ग्राहकों को खासा परेशानी हुई। राजधानी में विभिन्न बैंक शाखाओं के बाहर दिन भर ताले लटके रहे। रोजमर्रा के काम से बैंक शाखाओं में पहुंचे ग्राहकों को बेरंग लौटना पड़ा।

एटीएम खाली पैसे निकालने की मारामारी

हड़ताल के चलते देर शाम राजधानी के कई एटीएम खाली हो गए। एटीएम से पैसे निकालने के लिए हर जगह मारामारी देखी गई। इससे राजधानी वासी एटीएम से पैसा निकालने के लिए दौड़ते दिखे। जहां पैसा था वहां एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी रही।

आर्यावर्त ग्रामीण बैंक ने भी दिया समर्थन

यूएफबीयू की देशव्यापी बैंक हड़ताल के समर्थन में कई संगठन आए हैं। आर्यावर्त बैंक के प्रदेश में 26 जिलों के सात हजार बैंककर्मी तथा देश के 45 ग्रामीण बैंकों के एक लाख बैंककर्मी भी हड़ताल में शामिल हैं।

सरकार जनता की गाढ़ी कमाई पूंजीपतियों के हितों के लिए बैंकों का निजीकरण करके उन्हें सौंपना चाह रही है जो जनता के साथ धोखाधड़ी है… दीप बाजपेई, प्रदेश उपाध्यक्ष यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन।

हम सरकार की नीतियों के विरोध में एक माह से धरना, प्रदर्शन, पोस्टर कैम्पेन, मास्क धारण तथा रैली आदि के माध्यम से विरोधात्मक कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने बैंककर्मियों से आवाहन किया कि हमें सदैव इसी तरह एकता के साथ संगठन में जुड़े रहकर सरकार की आमजन विरोधी नीतियों का विरोध करना होगा…अनिल श्रीवास्तव, जिला संयोजक।

सरकार बैंको का निजीकरण कर बैंकों में जमा जनता की धनराशि को चन्द पूंजीपतियों के हाथों में सौंपकर उनके निजी स्वार्थ पूरा करना चाहती है। इसलिए बैंककर्मी एक बार पुनः संघर्ष की राह पर हैं। हम सरकार को मनमानी नहीं करने देंगे…वाईके अरोड़ा, प्रदेश संयोजक।

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