फोकस सैंपलिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट, दिए ये खास निर्देश…

लखनऊ। देश सहित विदेश तक कोरोना के अल्फा, कप्पा, डेल्टा, डेल्टा प्लस के बाद दक्षिण-अफ्रीका से आए ओमिक्रॉन की आहट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। पिछले महीने हुई फोकस सैंपलिंग के बाद बुधवार को फिर से स्वास्थ्य विभाग ने फोकस सैंपलिंग शुरू कर दी है। पहले दिन राजधानी के ऑटो, टेंपो …
लखनऊ। देश सहित विदेश तक कोरोना के अल्फा, कप्पा, डेल्टा, डेल्टा प्लस के बाद दक्षिण-अफ्रीका से आए ओमिक्रॉन की आहट को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। पिछले महीने हुई फोकस सैंपलिंग के बाद बुधवार को फिर से स्वास्थ्य विभाग ने फोकस सैंपलिंग शुरू कर दी है। पहले दिन राजधानी के ऑटो, टेंपो रिक्शा, बस चालक व कंडक्टर आदि की जांच की गई। यह फोकस सैंपलिंग 28 दिसंबर तक चलेगी।
बता दें, स्वास्थ्य विभाग ने गुजरे माह फोकस सैंपलिंग कराई थी। इसमें शिक्षण, मेडिकल संस्थान, दवा कारोबारी समय दूसरे लोगों की जांच कराई गई थी। इस दौरान लगभग दस हज़ार लोगों की कोरोना जांच हुई थी। अब कुछ ही दिनों के अंतराल पर दूसरी बार फोकस सैंपलिंग शुरू की जा चुकी है।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बुधवार को पहले दिन करीब 2844 लोगों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए हैं। इनमें 30 प्रतिशत लोगों की एंटीजन जांच कराई गई थी। इसके अलावा 70 प्रतिशत लोगों की (आरटीपीसीआर) जांच के लिए नमूने लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि एंटीजन जांच में अभी किसी में भी करोना की पुष्टि नहीं हुई है। (आरटीपीसीआर) के लिए भेजे गए जांच नमूनों की रिपोर्ट गुरुवार तक आने की उम्मीद है।
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इन जगहों पर आज होगी जांच
नए वैरिएंट के आने और करोना की तीसरी लहर मैं बच्चों में संक्रमण की बात कही गई थी। उसके बाद बच्चों में कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए इस बार की फोकस सैंपलिंग में उन्हें भी शामिल किए जाने की कोशिश की जा रही है।
गुरुवार को स्कूल, कॉलेज में शिक्षक और विद्यार्थियों की करो ना जान के लिए नमूने एकत्र किए जाएंगे। सुबह आठ बजे से यह अभियान शुरू होगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि 18 वर्ष से छोटे बच्चों की जांच के लिए स्कूल प्रबंधन से अनुमति ली जाएगी। बिना उनकी अनुमति के किसी भी बच्चे की जांच नहीं होगी। इसके अलावा बच्चे के माता-पिता की राय के बाद ही जांच कराई जा सकती है।