रायबरेली: जुलूस ए गागर जायरीनों के आकर्षण का रही केंद्र

रायबरेली: जुलूस ए गागर जायरीनों के आकर्षण का रही केंद्र

रायबरेली। सलोन नगर में स्थित खानकाहे करीमिया नईमिया के सालाना ऊर्स में जुलूस ए गागर जायरीनों के आकर्षण का केंद्र रहा। जुलूस ए गागर कार्यक्रम का नेतृत्व खानकाहे करीमियां नईमियां के सज्जादानशीन शाह अहमद हुसैन जाफरी ने किया। सज्जादानशीन के साथ सैकड़ों जायरीनों का हुजूम बड़े उत्साह के साथ गागर उठाए लयबद्द होकर गा रहे …

रायबरेली। सलोन नगर में स्थित खानकाहे करीमिया नईमिया के सालाना ऊर्स में जुलूस ए गागर जायरीनों के आकर्षण का केंद्र रहा। जुलूस ए गागर कार्यक्रम का नेतृत्व खानकाहे करीमियां नईमियां के सज्जादानशीन शाह अहमद हुसैन जाफरी ने किया।

सज्जादानशीन के साथ सैकड़ों जायरीनों का हुजूम बड़े उत्साह के साथ गागर उठाए लयबद्द होकर गा रहे थे “कोऊ आई सुघड, पनिहार कुउना उमड चला”। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना हैं कि कई दशक पूर्व उर्स के दौरान जब कार्यक्रम जुलूस ए गागर में लोग शिरकत कर रहे थे तभी वहां एक सूखे कुएं में पानी हिलोरे लेने लगा था। लोग इसे आठों पीर बाबा की कृपा का चमत्कार मानते हैं।

जुलूस के समापन पर हजरत अली की शान में अजमेर से आये उरूज खां ने कलाकारों के साथ कव्वाली पेश की।’आठो पीर मोरी भर दो गगरिया, आओ सलोन चढ़ाऊं चदरिया आठो पीर। ‘गागर ऊपर गागरी, भर आईं रे लंगरुवा गागरी। सुनकर जायरीन मुग्ध हो गए। इस दौरान कौल मारफत भी पढा गया।

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उर्स में आस-पास के जिलों और क्षेत्र के अनेक बुजुर्ग लोगों की भारी भीड़ जमा होती है। आज सुबह से बड़ी सख्या में महिलाएं व पुरुष जायरीनों ने रौजे पर आठ पीर बाबा हजरत नईम अताशाह बाबा की मजार पर चादर चढ़ा कर मन्नत माँगकर दुआ की।फूलों की चादरों से मजार पट गयी थी। सूफी संतों की नगरी सलोन स्थित विख्यात मियां साहब के रौज़े पर शाह नईम अता के दरगाह पर सालाना उर्स गागर पर देश विदेश के लोगों का तांता लगा रहता है।

इस मौके पर प्रोफेसर जहीर हुसैन जाफरी, सैय्यद शाह हमीद हुसैन जाफरी, नकी हुसैन जाफरी, सफी हुसैन, तारिक हुसैन जाफरी, अशरफ जाफरी, मंसूर जाफरी, समेत सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद रहे।