बरेली: लड़की के घर बजा डीजे तो इमाम ने निकाह पढ़ाने से किया इनकार

बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत बीते दिनों ऐलान किया गया था कि जिन शादियों में ढोल ताशा, नाच-गाना या डीजे बजाया जाएगा वहां इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे। दरगाह से जुड़े लोगों द्वारा इसको लेकर काफी प्रचार प्रसार करने के साथ लोगों को जागरूक किया गया। इसी कड़ी में मंगलवार को एक शादी में निकाह …
बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत बीते दिनों ऐलान किया गया था कि जिन शादियों में ढोल ताशा, नाच-गाना या डीजे बजाया जाएगा वहां इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे। दरगाह से जुड़े लोगों द्वारा इसको लेकर काफी प्रचार प्रसार करने के साथ लोगों को जागरूक किया गया। इसी कड़ी में मंगलवार को एक शादी में निकाह पढ़ाने के लिए कोई भी इमाम राजी नहीं हुआ, वजह थी शादी से एक दिन पहले होने वाले आयोजन में सोमवार को लड़की के घर जमकर नाच गाना हुआ था।
मुस्लिम संगठनों और स्थानीय लोगों द्वारा जब लड़की के परिवार वालों को दरगाह से जारी ऐलान के बारे में बताया गया उन्होनें नजर अंदाज कर दिया लेकिन मंगलवार को शहर के एक शादी हाल में बारात आई तो इमाम ने निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया।
बता दें कि पूरा घटनाक्रम सोमवार को शुरू हुआ पुराना शहर के चक महमूद इलाके में लड़की के घर शाम के वक्त खूब नाच गाना हुआ था। माहौल बनाने के लिए बाहर से डांसर्स भी बुलाई गईं थीं। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों को यह बात काफी नगवार गुजरी और उन्होनें मुस्लिम संगठन तहरीक-ए-फरोग-ए-इस्लाम के पदाधिकारियों से संपर्क किया। तहरीक के सदस्यों ने लड़की के परिवार वालों स्थानीय लोगों से समझाने को कहा तो लड़की के परिवार में कुछ लोगों ने कह दिया कि पैसे देकर तो कोई भी इमाम निकाह पढ़ाने को तैयार हो जाएगा।
इसके बाद बात आई गई हो गई, मगंलवार को किच्छा से लड़के वाले बारात लेकर आने वाले थे शादी की सारी तैयारियां हो चुकीं थी। रोहली टोला स्थित एक हाल में बारात आई तो लड़की वाले निकाह के लिए आसपास की मस्जिदों में इमाम की तलाश करने लगे, लेकिन कोई भी इमाम निकाह पढ़ाने के लिए राजी नहीं हुआ। जानकारी मिलने के बाद तहरीक-ए-फरोग-ए-इस्लाम के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और लड़की के परिवार वालों से तौबा कराई गई जिसके बाद स्थानीय इमाम ने निकाह पढ़ाया।
तहरीक के महासचिव आमिर आरफीन ने बताया कि उनकी टीम मौके पर गई और तौबा करवाकर निकाह पढ़वाया गया। संगठन से जुड़े तौसीफ रजा ने बताया कि इमामों द्वारा निकाह पढ़ाने से इनकार की बात सुनकर लड़के वाले भी लड़की वालों द्वारा नाचगाने को लेकर नाराज थे।