जालौन में विलक्षण मुद्राओं की लगी प्रदर्शनी

जालौन। उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में बुधवार को एक विलक्षण मुद्रा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें विश्व की सबसे सूक्ष्म मुद्रा के साथ द्विआयामी और त्रिआयामी मुद्राओं को भी दिखाया गया। उरई के जाने माने इतिहासकार डॉ हरिमोहन पुरवार की ओर से निज आवास पर लगायी गयी इस अनोखी मुद्रा प्रदर्शनी को देखने …
जालौन। उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में बुधवार को एक विलक्षण मुद्रा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें विश्व की सबसे सूक्ष्म मुद्रा के साथ द्विआयामी और त्रिआयामी मुद्राओं को भी दिखाया गया। उरई के जाने माने इतिहासकार डॉ हरिमोहन पुरवार की ओर से निज आवास पर लगायी गयी इस अनोखी मुद्रा प्रदर्शनी को देखने अधिकारियों सहित गणमान्य लोग पहुंचे। डॉ पुरवार ने बताया कि प्रदर्शनी में जो मुद्राएं प्रदर्शित की गयी हैं। वह उनके और उनकी पत्नी संध्या पुरवार के निजी संग्रह में से हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन दुर्लभ मुद्राओं को लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।
इस काम में श्रीनगर (गढवाल) स्थित अलकनंदा हाईड्रो पावर स्टेशन में कार्यरत मैनेजर एच आर, एडमिनिस्ट्रेशन अभिषेक पुरवार व उरई के राहुल पाटकार ने अति विशिष्ट योगदान दिया है। प्रदर्शित मुद्राओं में कार्ड बोर्ड, बांस, सिरैमिक, ऐक्रेलिक, काष्ठ, स्वर्ण, रजत,लौह, ताम्र, पीतल, द्विधात्विक, त्रिधात्विक, मुद्रायें तो हैं ही। साथ ही साथ त्रिभुजाकार, आयताकार, वर्गाकार, पांच पहलू से बारह पहलुओं तक की मुद्रायें हैं। प्रदर्शनी में विभिन्न देशों के मानचित्रों के आकार की विभिन्न जानवरों जैसे पान्डा, हिरण, सर्प, कछुआ, छिपकली, गुरिल्ला, शेर, तेंदुआ, भालू, पैनगुईन, सुअर, चूहा, अश्व आदि के साथ विभिन्न प्रकार की कपाली मुद्रायें, एफिल टावर, व्हाइट हाउस, पिरामिड, बर्लिन दीवार, कैथेड्रल, क्लॉक टावर आदि के आकार की मुद्रायें यहां पर प्रदर्शित की गईं हैं।
प्रदर्शनी में विश्व की सबसे सूक्ष्म मुद्राओं के साथ-साथ द्विआयामी, त्रिआयामी, श्रीगणेश, श्री बुद्ध जी की मूर्ति के आकार की मुद्रायें भी रोमान्चित करतीं हैं। विश्व की प्रथम स्वचलित मुद्रा, पुष्पाकार पर चलती हुई मधुमक्खी की मुद्रा, कुतुबनुमा, थर्मामीटर मुद्रा और विश्व के तीनों प्रसिद्ध हीरों की अनुकृति से युक्त मुद्रायें इस प्रदर्शनी में चार चांद लगातीं हैं। अपने राष्ट्रीय पक्षी मोर की मुद्रायें, डम्प मुद्रायें और अपने देश की ईसा पूर्व की तमाम मुद्रायें इस संग्रह का विशेष आकर्षण है।
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प्रदर्शनी देखने पहुंचे अंकुर कौशिक, एसडीएम सदर ने कहा कि ऐसी विलक्षण मुद्राओं को उन्होंने अपने जीवन काल में पहली बार देखा है। इन मुद्राओं को देखकर मैं अचम्भित हूं। प्रदर्शनी में पधारे अजीत प्रताप सिंह एसडीएम ने जब कुक आईलैंड के रजतीय नोटनुमा मुद्रायें देखीं तो अनायास उनके मुंह से निकल गया कि क्या ये भी सिक्के हैं? दोनों ने कहा कि इस तरह के प्रदर्शनों को देखने से इतिहास की बहुत सी बातें स्मरण में आ जातीं हैं और ज्ञान में भी अभिवृद्धि होती है।