हल्द्वानी: कैबिनेट मंत्री ने कालाढूंगी विधानसभा सीट बदलने की अटकलों पर लगाया विराम

हल्द्वानी: कैबिनेट मंत्री ने कालाढूंगी विधानसभा सीट बदलने की अटकलों पर लगाया विराम

नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार, हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी की सबसे सुरक्षित माने जानी वाली सीट कालाढूंगी विधानसभा में दावेदारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस बीच कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने सभी अटकलों को विराम देते हुए कहा है कि कालाढूंगी उनकी परंपरागत सीट है। वह दो बार यहां से विधायक चुने गये …

नरेन्द्र देव सिंह, अमृत विचार, हल्द्वानी। भारतीय जनता पार्टी की सबसे सुरक्षित माने जानी वाली सीट कालाढूंगी विधानसभा में दावेदारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस बीच कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने सभी अटकलों को विराम देते हुए कहा है कि कालाढूंगी उनकी परंपरागत सीट है। वह दो बार यहां से विधायक चुने गये हैं। इस बार भी वह इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनकी भाजपा के शीर्ष स्तर पर भी वार्ता हुई है।

विपक्षी कांग्रेस के साथ ही सत्ताधारी भाजपा में भी इन दिनों टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। राजनैतिक गलियारों में चर्चा थी कि भाजपा के पास हल्द्वानी से कोई भी मजबूत दावेदार नहीं है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मेयर जोगेंद्र रौतेला को टिकट दिया था, लेकिन वह कांग्रेस की डॉ. इंदिरा हृदयेश से चुनाव हार गये थे। हल्द्वानी विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन के बाद कांग्रेस के इस किले को फतह करने के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है इसलिए चर्चाएं थीं कि भाजपा अपने कद्दावर नेता बंशीधर भगत को हल्द्वानी से चुनावी मैदान में उतार सकती है।

इधर, कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने इन चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वह कालाढूंगी से दो बार 2012 और 2017 में विधायक चुने गये हैं। कालाढूंगी उनकी परंपरागत सीट है और वह इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। हाईकमान से भी उन्होंने इस बारे में चर्चा की है। उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर हाईकमान उन पर भरोसा जतायेगा और वह जीत की हैट्रिक लगाकर इतिहास बनायेंगे।

कैबिनेट मंत्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में कालाढूंगी विधानसभा में विकास कार्य किये जा रहे हैं। समाज के हर वर्ग को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। सरकार की जनहितकारी उज्ज्वला गैस योजना, हर घर जल, अटल खाद्यान्न योजनाओं से कमजोर वर्ग को भी लाभ मिला है।