हल्द्वानी: पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को मुख्यमंत्री का भी डर नहीं, गड्ढे भरने की चेतावनी को किया दरकिनार

हल्द्वानी, अमृत विचार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 10 नवंबर को मिनी स्टेडियम से लोनिवि को दी गई चेतावनी भी गड्ढे में घुस गई है। गड्ढे भरने का अल्टीमेटम खत्म हुए एक सप्ताह हो गया है, लेकिन लोनिवि अभी तक एक भी सड़क को गड्ढा मुक्त नहीं कर पाई है। ऐसा लगता है कि लोनिवि …
हल्द्वानी, अमृत विचार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 10 नवंबर को मिनी स्टेडियम से लोनिवि को दी गई चेतावनी भी गड्ढे में घुस गई है। गड्ढे भरने का अल्टीमेटम खत्म हुए एक सप्ताह हो गया है, लेकिन लोनिवि अभी तक एक भी सड़क को गड्ढा मुक्त नहीं कर पाई है। ऐसा लगता है कि लोनिवि अधिकारियों को मुख्यमंत्री की घोषणा से कोई सरोकार नहीं है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड महोत्सव के दौरान सड़कों के गड्ढे भरने के लिए लोनिवि को 17 नवंबर तक का समय दिया था, लेकिन 25 नवंबर तक लोनिवि शहर की किसी सड़क को गड्ढा मुक्त नहीं कर पाई है। यहां तक कि अभी तक किस सड़क में कितने गड्ढे हैं इसकी भी जानकारी लोनिवि के अधिकारियों को नहीं है। हां उसे यह जरूर पता है कि सड़कों के गड्ढे भरने के लिए 1.4 करोड़ रुपये का बजट चाहिए। लोनिवि की कार्यप्रणाली के चलते लोगों को मुख्यमंत्री की घोषणा से भी विश्वास उठ गया है।
जगदंबा नगर निवासी पवन नयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जब सख्त लहजे में गड्ढे भरने के निर्देश दिए। साथ ही तय सीमा के अंदर सड़कों के गड्ढे न भरने वालों के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की। तब लगा कि अब उन्हें सड़कों के गड्ढों से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन तय समय सीमा को खत्म होने के बाद भी गड्ढे नहीं भरे हैं। अब तो ऐसा लगता है कि लोनिवि के अधिकारियों को मुख्यमंत्री की चेतावनी का कोई डर नहीं है।
इसी तरह लालडांठ निवासी मनीष पंत ने बताया कि शहर की सड़कों में इतने गड्ढे हो गए हैं कि गाड़ी चलाते समय दुर्घटना का भय बना रहता है। दोपहिया चालक गड्ढे बचाने के चक्कर में सड़क के दूसरे ओर चला जाता है और सामने आ रहे वाहन से भिड़ने की आशंका बलवती हो जाती है। कुछ इसी तरह का हाल चौपहिया वाहन एवं पैदल राहगीरों का है। पैदल राहगीर भी सड़क में हुए गड्ढे से बचने के लिए कभी-कभी बीच सड़क पर पहुंच जाते हैं।