रायबरेली: एनटीपीसी के पास कोयले भरपूर फिर भी उत्पादन हो रहा आधा, जानें क्यों?

ऊंचाहार (रायबरेली)। अक्टूबर के महीने में भारी कोयला संकट से जूझने के बाद एनटीपीसी की ऊंचाहार परियोजना ने पर्याप्त कोयला भंडारण कर लिया है। इसके बावजूद एनटीपीसी की तीन इकाइयां बंद चल रही है और अपनी क्षमता से आधा उत्पादन हो रहा है। इस समय ऊंचाहार परियोजना के पास करीब बीस दिन का कोयला भंडारण हो …
ऊंचाहार (रायबरेली)। अक्टूबर के महीने में भारी कोयला संकट से जूझने के बाद एनटीपीसी की ऊंचाहार परियोजना ने पर्याप्त कोयला भंडारण कर लिया है। इसके बावजूद एनटीपीसी की तीन इकाइयां बंद चल रही है और अपनी क्षमता से आधा उत्पादन हो रहा है। इस समय ऊंचाहार परियोजना के पास करीब बीस दिन का कोयला भंडारण हो चुका है। पिछले महीने पूरे उत्तर भारत में भारी कोयला संकट था। जिसके कारण आधे भारत में बिजली संकट पैदा हो गया था।
उस समय कोयले के अभाव में कई बिजली परियोजनाओं में कई यूनिटों को बन्द करना पड़ा था। ऊंचाहार में 500 मेगावाट की एक यूनिट को बंद कर दिया गया था। वहीं, करीब बीस दिन तक चले कोयला संकट के बाद जब हालात सुधरे तो न सिर्फ बंद इकाइयों को चलाया गया बल्कि परियोजना में कोयला का भंडारण शुरू हो गया।
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धीरे-धीरे कोयला का पर्याप्त भंडारण हो गया है। इस समय ऊंचाहार परियोजना के पास कुल दो लाख एक हजार 309 मीट्रिक टन कोयले का भंडारण हो चुका है।
रोज आ रही है आठ मालगाड़ियां
इस समय ऊंचाहार परियोजना को झारखंड के कोयला खदानों से कुल आठ मालगाड़ी कोयले की आपूर्ति मिल रही है। जबकि प्रतिदिन करीब दस हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत हो रही है। इस प्रकार से रोज कोयले का भंडारण हो रहा है। भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार बिजली परियोजनाओं में अधिक भंडारण करने पर मनाही है। इसलिए भंडारण का लक्ष्य एक माह तक ही सीमित हो गया है। इसलिए भंडारण क्षमता पूरी होने पर कोयले का आयात कम किया जाएगा।
मांग कम होने के कारण कम हो रही है खपत
ऊंचाहार परियोजना से बिजली की आपूर्ति ग्रिड के माध्यम से देश के 9 राज्यों को की जाती है। लेकिन ऊंचाहार परियोजना से बिजली की मांग कम है। इसलिए यहां पर विभिन्न इकाइयों को कम भार पर चलाया जा रहा है। यहीं कारण है कि कोयले की खपत भी कम हो रही है। ऊंचाहार में 210 मेगावाट प्रत्येक यूनिट उत्पादन क्षमता की कुल पांच और 500 मेगावाट क्षमता की एक इकाई स्थापित है और परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता 1550 मेगावाट है । यदि सभी यूनिटों को पूरी क्षमता से चलाया जाए तो प्रतिदिन ऊंचाहार परियोजना में करीब 25 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत होगी।
बंद चल रही है तीन इकाइयां
इस समय ऊंचाहार परियोजना की यूनिट नंबर एक, दो व तीन बन्द चल रही है। जिसमें यूनिट नंबर दो की मरम्मत का काम चल रहा है। जबकि यूनिट नंबर एक व तीन तकनीकी कारणों से बंद चल रही है। बताया जाता है कि इस समय बिजली की मांग काफी कम है। इस कारण से इन इकाइयों को बन्द किया गया है। इसके अलावा जिन इकाइयों को चलाया जा रहा है। उन्हें भी काफी कम भार पर चलाया जा रहा है।