लखीमपुर-खीरी: बोर्ड परीक्षा केंद्रों का भौतिक सत्यापन करेंगी समितियां

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा के लिए तैयारियां शुरू करदी गई है। इसके लिए 286 विद्यालयों ने अपने स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए आनलाइन आवेदन किया है। विद्यालयों ने आनलाइन आवेदन में जो संसाधन बताए हैं उनका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए डीएम ने तहसीलवार …
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा के लिए तैयारियां शुरू करदी गई है। इसके लिए 286 विद्यालयों ने अपने स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाए जाने के लिए आनलाइन आवेदन किया है। विद्यालयों ने आनलाइन आवेदन में जो संसाधन बताए हैं उनका भौतिक सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए डीएम ने तहसीलवार सात सदस्सीय समितियों का गठन किया है। यह समितियां विद्यालयों के दावों का भौतिक सत्यापन करेंगी और जो विद्यालय मानक नहीं पूरे करेंगे उन्हें परीक्षाकेंद्र नहीं बनाया जाएगा।
डीएम ने 20 नवंबर तक सभी विद्यालयों का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए गए है। कोविड 19 के प्रकोप के बाद इस वर्ष फिर से शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लौटी है। देर से विद्यालय खुलने के चलते अभी तक परीक्षाकेंद्रों का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया है। अब बोर्ड ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके बाद जिले के 286 विद्यालयों ने अपने स्कूल को परीक्षाकेंद्र बनाने को लेकर आवेदन किया है। डीआईओएस डा ओपी त्रिपाठी ने बताया 2022 की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं के लिए 286 विद्यालयों ने आवेदन किया है।
अक्टूबर में विद्यालयों ने इसके लिए आवेदन किया था। उन्होंने बताया जिले में बच्चों की संख्या, विद्यालयों के बीच दूरी और आवागमन की सुविधा जैसे बिंदुओं को देखते हुुए जिले में प्रत्येक वर्ष लगभग 140 परीक्षाकेंद्र बनाए जाते है। जिन विद्यालयों ने परीक्षाकेंद्र बनाए जाने के लिए आवेदन किया है उनके द्वारा बताए गए सभी भौतिक संसाधनों की जांच के लिए डीएम ने तहसीलवार टीमें गठित की हैं। इन समितियों के अध्यक्ष एसडीएम होंगे। समितियां विद्यालय में जागकर भौतिक सत्यापन कर इसकी रिपोर्ट डीएम को देेंगी। इसके बाद सूची बोर्ड को भेजी जाएगी तभी परीक्षाकेंद्रों का निर्धारण होगा।
प्रधानाचार्य कराएं भौतिक सत्यापन
डीआईओएस डा ओपी त्रिपाठी ने प्रधानाचार्यों से कहा है कि परीक्षाकेंद्रों के संसाधनों का भौतिक सत्यापन 20 नवंबर तक होना है। इसमें अब कम दिन ही बचे हैं। प्रधानाचार्यों की भी जिम्मेदारी है कि वे समितियों से समय लेकर अपने स्कूल का भौतिक सत्यापन करालें। अन्यथा सत्यापन नहीं होने की स्थिति में उनका विद्यालय मानक पूरे करने के बाद भी परीक्षाकेंद्र नहीं बन पाएगा।
परीक्षाकेंद्र के लिए यह हैं मानक
डीआईओएस डा. ओपी त्रिपाठी ने बताया बोर्ड परीक्षाकेंद्र के लिए बहुत सारे नियम है। सारे नियम तो सभी विद्यालय पूरे नहीं कर सकते लेकिन कुछ खास चीजें हैं जिनका होना आवश्यक है। इसमें विद्यालय की पूरी बाउंड्रीवाल होनी चाहिए। परीक्षा के मानक के अनुसार सभी कमरे होने चाहिए। सभी में दो सीसीटीवी कैमरे एक अगले हिस्से में दूसरा पिछले हिस्से में होना चाहिए।
पूरा भवन पक्का होना चाहिए टीन सेड या छप्पर नहीं होने चाहिए। विद्यालय में अग्निशमन यंत्र, पेयजल की सुविधा, छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, विद्यालय तक पहुंचने के लिए सड़क और विजली तथा जर्नेटर आदि की सुविधा के अलावा उत्तर पुस्तिकाओं आदि के रखरखाव की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
समितियां बीस तक सौंपेगी जांच रिपोर्ट
डीआईओएस ओपी त्रिपाठी ने बताया कि सभी समितियों को अपने तहसील क्षेत्र के विद्यालयों में जाकर स्कूलों द्वारा बताए गए भौतिक संसाधनों का स्थलीय निरीक्षण करना है। इसके बाद समितियां 20 नवंबर तक सभी स्कूलों का भौतिक सत्यापन करने के बाद अपनी आख्या सहित रिपोर्ट डीएम को देंगी। इसके बाद जिला समिति बैठक कर परीक्षाकेंद्रों का निर्धारण करेगी। यह सूची बोर्ड को भेजी जएगी। इसपर अंतिम फैसला बोर्ड ही करेगा।