हल्द्वानी: पांच महीने से नहीं मिला वेतन, गुस्साए नर्सिंग स्टाफ ने किया प्रदर्शन

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना संकटकाल में जान जोखिम में डालकर सैंपलिंग कार्य में जुटे रहे बेस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को पांच महीने से वेतन नसीब नहीं हो सका है। जिस कारण 16 से अधिक कर्मचारियों के लिए घर चलाना तक मुश्किल हो गया है। बुधवार को नर्सिंग स्टाफ ने बेस अस्पताल में प्रदर्शन कर …
हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोना संकटकाल में जान जोखिम में डालकर सैंपलिंग कार्य में जुटे रहे बेस अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को पांच महीने से वेतन नसीब नहीं हो सका है। जिस कारण 16 से अधिक कर्मचारियों के लिए घर चलाना तक मुश्किल हो गया है। बुधवार को नर्सिंग स्टाफ ने बेस अस्पताल में प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद स्टेडियम पहुंचकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि सीएमओ से लेकर जिलाधिकारी तक से शिकायत कर चुके हैं लेकिन समाधान नहीं मिला। दो साल से कोविड सैंपलिंग और वैक्सीनेशन में जुटे हैं लेकिन कर्मचारियों को 12 हजार रुपए का वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान में जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं लेकिन विभाग और शासन वेतन देने में हीलाहवाली कर रहे हैं। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द वेतन भुगतान कराने की मांग की है।
कोरोना संकट काल में अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा में जुटे रहे, लेकिन विभाग ने पांच महीने से वेतन तक नहीं दिया। जिस कारण मानसिक और आर्थिक परेशानी का सामना करने को मजबूर हैं। सीएमओ से लेकर डीएम से मिले लेकिन वेतन नहीं मिल सका। – गणेश, नर्सिंग स्टाफ
12 हजार रुपए के वेतन के लिए पांच महीने से परेशान हैं। दिवाली का त्योहार भी दुश्वारी में गुजर गया। शासन को स्वास्थ्यकर्मियों की सुध लेनी चाहिए। कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान हैं। – भावना, नर्सिंग स्टाफ
सीएमओ मेम से लेकर जिलाधिकारी तक को समस्या से अवगत करा चुके हैं लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। कब तक वेतन मिलेगा, कोई बताने वाला नहीं है। सरकार को स्वास्थ्यकर्मियों की परेशानी समझनी चाहिए। – कविता, नर्सिंग स्टाफ
एक तरफ सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना योद्धा कहती है वहीं दूसरी तरफ नर्सिंग स्टाफ को पांच महीने से वेतन तक नसीब नहीं हो सका है। जान जोखिम में डालकर काम करते हैं लेकिन हमारी कोई सुध नहीं ले रहा है। – कुसुम, नर्सिंग स्टाफ