हल्द्वानी के वार्ड 60 का हाल: न स्वच्छता न प्रकाश, बेरौनक रही गौजाजाली की दिवाली

हल्द्वानी, अमृत विचार। नगर निगम की अनदेखी की वजह से नौ हजार की आबादी वाले गौजाजाली की दिवाली बेरौनक रही। प्रकाश और स्वच्छता का प्रतीक मानी जाने वाले इस पर्व पर इन दोनों ही व्यवस्थाओं का अभाव रहा। रात में गलियों में अंधेरे का सन्नाटा और सड़कों व खाली प्लॉट पर गंदगी का डेरे के …
हल्द्वानी, अमृत विचार। नगर निगम की अनदेखी की वजह से नौ हजार की आबादी वाले गौजाजाली की दिवाली बेरौनक रही। प्रकाश और स्वच्छता का प्रतीक मानी जाने वाले इस पर्व पर इन दोनों ही व्यवस्थाओं का अभाव रहा। रात में गलियों में अंधेरे का सन्नाटा और सड़कों व खाली प्लॉट पर गंदगी का डेरे के बीच लोगों ने त्योहार मनाया।
ग्राम पंचायत से शहर में शामिल हुए वार्ड संख्या 60 के लोगों को बेहतर जीवन का आश्वासन मिला था।
गांव की वजह से जिन अव्यवस्थाओं से वे जूझते रहे, उनसे निजात मिलेगी यह उम्मीद भी जागी। इसके बावजूद बाकी सुविधाएं तो दूर नगर निगम पिछले तीन साल से एक सफाई कर्मचारी भी इस वार्ड को नहीं दे सका। इस का नतीजा यह है कि नालियां चोक, सड़कों के किनारे कचरा और खाली प्लॉट कूड़ाघर बनने लगे। दिवाली पर भी नगर निगम ने इस वार्ड की सुध नहीं ली। गंदगी के बीच ही लोगों को इस त्योहार को मनाना पड़ा। निगम की इस अनदेखी के कारण क्षेत्र में कचरे जलने से प्रदूषण की स्थिति ने भी समस्याएं बढ़ाईं। स्ट्रीट लाइटें नहीं लगने से त्योहार कालोनियों की सड़कों पर अंधेरा छाया रहा।
वार्ड 60 – गौजाजाली
आबादी – लगभग नौ हजार
क्षेत्र – दुर्गा कालोनी, भगत कालोनी, गौजाजाली दक्षिण व उत्तर, आंवला चौकी रोड, नेगी निवास कालोनी, तीन पानी बाइपास आदि।
समस्या – 1
आंवला चौकी रोड पर रात में हो जाती है लूट
आंवला चौकी रोड पर रात में अंधेरे के बीच गुजरना खतरे से खाली नहीं होता है। यहां लूट तक होने का डर बना रहता है। इसका बड़ा कारण पास ही फाटक के पास रेल की पटरी पर नशा करने वालों का जमा रहना। इन लोगों के खिलाफ सख्ती नहीं किया जाना। प्रकाश की व्यवस्था न होने की वजह से आंवला चौकी रोड पर सन्नाटा रहना। पुलिस की पेट्रोलिंग भी कम रहना है। इसी वजह से दिवाली त्योहार पर दो बाइक सवार अराजकतत्वों ने एक युवक का मोबाइल छीन लिया था। उन्हें ढूंढा गया, लेकिन वे नहीं मिले। बताते हैं कि इस रोड पर हथियार के बल पर भी वारदातें हो जाती हैं।
समस्या – 2
श्मशान भूमि स्थल को लेकर धीमी रफ्तार
आबादी बढ़ने के बाद शहर के इस नए वार्ड के लोगों को श्मशान भूमि को लेकर मांग उठने लगी। इस स्थल के अभाव के कारण दाह संस्कार के लिए लोगों को अपनों के पार्थिव शरीर को मुखानी के पास रूप नगर लेकर आना पड़ता था। यहां के लोगों की माने तो पांच से सात किमी की दूरी तक का यह सफर बड़ी तकलीफों भरा रहता है। मांग उठी तो 32 लाख रुपये के बजट की घोषण हुई और एक बीघा जमीन भी तलाश ली गई। इतना सब होने के बाद भी अब तक इस योजना का काम धरातल पर नजर नहीं आ रहा है।
समस्या – 3
खुला नाला और टूटी सड़कें आफत
गांव से शहर बने इस वार्ड की सूरत बदलने में नगर निगम विफल साबित रहा है। इस वार्ड की सड़कें तक वह सुधार नहीं सका है। पार्षद के घर वाली आंवला चौकी सड़क का भी बुरा हाल है। इसके अलावा दर्गा कालोनी, गौजाजाली दक्षिण व नई कालोनियों की सड़कें ज्यादा खस्ताहाल हालत में है। जलभराव की दिक्कत से लोग परेशान रहते हैं। दूसरी बड़ी समस्या खुला नाला है। बारिश के दौरान उफान आने पर इस वार्ड में सबसे ज्यादा दुश्वारियां दुर्गा कालोनी के लोग सहते हैं। घरों में भी पानी भर जाता है। नाले की सफाई न होने से अक्सर इसके चोक होने की स्थिति बनी रहती है।
आंवला चौकी रोड पर कई बार वारदातों का डर बना रहता है। इस रोड पर त्योहार के दिन बाइक सवार दो लोगों ने एक से मोबाइल छीन लिया। – प्रदीप उपाध्याय
जब गांव था तब 365 दिन सफाई होती थी। शहर बनने के बाद एक भी दिन झाड़ू नहीं लगी। कचरे का ढेर बना रहता है, गांव ही अच्छा था। – पूरन भट्ट
मेरे घर के बाहर जलभराव हो जाता है। जिम्मेदारों को इसकी कोई सुध नहीं। नालियां नहीं, जलभराव की दिक्कतें सहनी पड़ती हैं। –दिनेश बिष्ट
लाइट न होने से काफी दिक्कतें होती हैं। गलियों में अंधेरा हो जाता है। बिजली और पानी के कनेक्शन को लेकर भी विभाग चक्कर लगवाते हैं। – ममता कश्यप
गांव से शहर में शामिल होने के बाद जो बदलाव होना चाहिए था, वह कहीं भी नहीं दिख रहा है। न लाइट है, न सड़कें हैं और न सफाई है। – हेमंत पाठक, पूर्व प्रधान
नगर निगम ने हमें एक भी सफाई कर्मचारी नहीं दिया है, लाइटें नहीं लगवाईं और सड़कों को लेकर भी उदासीन है। क्रियाशाला को लेकर जल्द काम शुरू होगा। – मनोज मठपाल, पार्षद