बरेली: शहर के लिए मुसीबत बनी बारिश, हर जगह भरा पानी

बरेली: शहर के लिए मुसीबत बनी बारिश, हर जगह भरा पानी

बरेली, अमृत विचार। दो दिन से हो रही लगातार तेज बारिश से स्मार्ट सिटी का पूरा ड्रेनेज सिस्टम ही धड़ाम हो गया है। शहर का शायद ही कोई ऐसा मोहल्ला या सड़क हो, जहां जलभराव लोगों के लिए आफत न बन गया है। कई निचली कॉलोनियों में लोगों के घरों-दुकानों में भी पानी के घुसने …

बरेली, अमृत विचार। दो दिन से हो रही लगातार तेज बारिश से स्मार्ट सिटी का पूरा ड्रेनेज सिस्टम ही धड़ाम हो गया है। शहर का शायद ही कोई ऐसा मोहल्ला या सड़क हो, जहां जलभराव लोगों के लिए आफत न बन गया है। कई निचली कॉलोनियों में लोगों के घरों-दुकानों में भी पानी के घुसने से उनका बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। शहर के नालों के उफनाने और सीवर लाइन के भी ब्लॉक होने से जल निकासी व्यवस्था पर काफी खराब असर पड़ा है। इससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढों में वाहन फंस गए। कहीं जाम से परेशानी हुई। सरकारी सिस्टम पूरी तरह से फेल नजर आया। दूसरी तरफ बारिश की वजह से फसलों को नुकसान होने से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। जिम्मेदारों के दफ्तरों में भी पानी भर गया।

नगर निगम प्रशासन के लाख दावों के बावजूद शहर का ड्रेनेज सिस्टम लगातार बिगड़ता जा रहा है। रविवार की शाम से हो रही मूसलाधार बारिश से सोमवार को शहर के ज्यादातर इलाके जलमग्न हो गए। ऐसे में सीवर तो कहीं पाइपलाइन की वजह से खुदी और टूटी सड़कें लोगों की मुसीबत बढ़ाए हुए हैं। गहरे-गहरे गढ्डे और चोक नाले-नालियों से जलभराव, घरों में भरने वाला पानी से लोग परेशान होते नजर आए। जबकि मानसून के पहले नगर निगम बारिश से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रहा था। नालों की सफाई पर लाखों रुपये भी खर्च हुए लेकिन मानसून की दमदार बारिश में ही दावे बह गए।

बारिश में मलिन बस्ती हो या पॉश इलाका सभी जगह की सड़कें तालाब नजर आ रही थी। आदर्श सड़क की सर्विस रोड लबालब हो गई। राजेंद्र नगर के साथ इंद्रानगर, जनकपुरी, पटेल नगर समेत कई मोहल्लों की मुख्य सड़कें पानी से डूबी नजर आईं। इसके अलावा मॉडल टाउन, डेलापीर में भी पानी भरने से लोगों को परेशानी हुई। इनके अलावा रहपुरा चौधरी, संजय नगर, हजियापुर, सुभाषनगर, बिहारीपुर, जसौली मढ़ीनाथ, नेकपुर में इस कदर जलभराव हुआ कि लोगों के घरों में पानी घुस गया। इससे उनके घरों का काफी सामान बर्बाद हो गया। लोगों ने बताया कि यहां पर हर साल जलभराव होता है लेकिन इसके बावजूद नगर निगम ने कोई इंतजाम नहीं किए। उधर, जिन अफसरों पर जलभराव रोकने का जिम्मा था उनके आवास, कार्यालयों तक में जलभराव रहा। एसएसपी ऑफिस, कलक्ट्रेट, विकास भवन, जिला अस्पताल, नगर निगम कार्यालय, महिला थाना आदि में भी पानी भर गया। नगर आयुक्त के घर के कैंपस में पानी घुस गया। पानी को रोकने के लिए के इंतजाम किए गए।

एक तो जलभराव और उस पर टूटी सड़कों से खतरा
– बारिश से बिहारीपुर, पुराना शहर, सिटी स्टेशन, बानखाना, जसौली, अयूब खां चौराहा, चौकी चौराहा, गांधी उद्यान से खुर्रम गौठिया, सेटेलाइट रोड की सड़क, मलूकपुर, बजरिया, नाला रोड, जुगगन की गली, कुंवरपुर, जसौली, सिटी स्टेशन रोड और सुभाष नगर की पुलिया, मलिन बस्तियों के अलावा आसपास की सड़कें जलमग्न हो गईं। जलभराव की वजह से राहगीरों को आने जाने परेशानियों का सामना करना पड़ा। इन इलाकों में जलभराव की समस्या काफी लम्बे समय से बनी हुई हैं। मलूकपुर, जसौली, बिहारपुर, संदल खां बजरिया आदि में तीन फीट तक बारिश का पानी भर गया। सीवर ट्रंक लाइन, पाइप लाइन, सड़क चौड़ीकरण और फाइवर लाइन से लेकर स्मार्ट सिटी के तहत इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के लिए लगाए जा रहे कैमरों के लिए सड़कों को जगह जगह से खोद दिया गया। बदायूं रोड पहले से ही खराब है। बारिश और जलभराव से यहां और ज्यादा खतरा बढ़ गया। बारिश की वजह से गड्ढों में पानी भरने से वाहन गिरते रहे।

नालों की सफाई में बह गया करोड़ों का बजट
नगर निगम के शहर में 223 छोटे-बड़े नाले हैं। इन नालों की सफाई के लिए नगर निगम ने इस साल करीब डेढ़ करोड़ रुपये का बजट पास किया था। इसके अलावा हजियापुर और संजयनगर में दो जगहों पर संपवेल लगाने में करीब आठ करोड़ रुपर्य खर्च हुए हैं। 20 बड़े नालों की सफाई का काम ठेके पर दिया गया था। इसके अलावा नालों की मरम्मत आदि के कामों पर भी काफी रकम खर्च की गई है लेकिन जलभराव को रोकने के लिए नगर निगम के ये कोई प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहे हैं।

बारिश की वजह से कई इलाकों में जलभराव की सूचना मिली। टीम लगातार निचले इलाकों में जल निकासी के इंतजाम में लगी रहीं। स्वास्थ्य, जलकल और निर्माण विभाग की टीम को लगाया गया है। जल निकासी होने से ज्यादा समय तक पानी नहीं भरा है।
—अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त