लखनऊ: पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की जमानत खारिज, जानें वजह?

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अतुल राय को दुराचार के एक मामले में बचाने के लिए गलत साक्ष्य गढ़ने व इसके चलते पीड़िता द्वारा फेसबुक पर लाइव बयान देकर सुप्रीम कोर्ट के सामने गवाह के साथ आत्महत्या करने के मामले में गुरुवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज …
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अतुल राय को दुराचार के एक मामले में बचाने के लिए गलत साक्ष्य गढ़ने व इसके चलते पीड़िता द्वारा फेसबुक पर लाइव बयान देकर सुप्रीम कोर्ट के सामने गवाह के साथ आत्महत्या करने के मामले में गुरुवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी। अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने अपराध को गम्भीर करार देते हुए यह आदेश पारित किया है।
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आरोप संगीन हैं और केस में विवेचना भी अभी चल रही है लिहाजा, इस स्टेज पर उन्हें जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है। इस मामले में पुलिस ने 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने पर आईपीसी की धारा 167, 195ए, 218 , 306, 504 , 506 व 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज किया था। कोर्ट ने रिकार्ड पर पाया कि पीड़िता ने आत्महत्या करने से पहले जो फेसबुक लाइव पर बयान दिया था वह मृत्युकालिक कथन की श्रेणी मे आता है जिसमें अमिताभ के खिलाफ काफी गंभीर आरोप हैं।
दअरसल पीड़िता ने बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ वाराणसी में दुराचार का केस दर्ज कराया था जिसमें मामला अदालत में था। पीड़िता ने 20 नवम्बर 2020 को वाराणसी एसएसपी को शिकायत भेजी कि अमिताभ पैसा लेकर अतुल राय की गलत मदद कर रहें है और फर्जी साक्ष्य गढ़ रहें हैं। इसी क्रम में पीड़िता के खिलाफ सात-सात फर्जी केस भी दर्ज किये गये हैं। बाद में उसने स्वयं और उसके एक गवाह ने आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की जिसके बाद अस्पताल में दोनों की मृत्यु हो गयी।