लखीमपुर कांड: मृत किसानों को अंतिम अरदास देने पीलीभीत से भी गए किसान, नेताओं की आवाजाही पर प्रशासन रहा अलर्ट

पीलीभीत, अमृत विचार। लखीमपुर कांड को लेकर पहले ही अफसर अलर्ट थे। घटना में मृत किसानों की अंतिम अरदास में विपक्ष और किसान संगठनों के बड़े नेताओं की आवाजाही का ऐलान हुआ तो शासन-प्रशासन ने एक बार फिर सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर सख्ती कर दी।शासन की तरफ से जिम्मेदारी मिली तो पहले देर रात आईजी …
पीलीभीत, अमृत विचार। लखीमपुर कांड को लेकर पहले ही अफसर अलर्ट थे। घटना में मृत किसानों की अंतिम अरदास में विपक्ष और किसान संगठनों के बड़े नेताओं की आवाजाही का ऐलान हुआ तो शासन-प्रशासन ने एक बार फिर सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर सख्ती कर दी।शासन की तरफ से जिम्मेदारी मिली तो पहले देर रात आईजी बरेली ने पूरनपुर पहुंचकर ड्यूटी चेक कीं।उसके बाद दूसरे दिन डीएम-एसपी ने सीमावर्ती इलाकों का भ्रमण किया। किसी से बेवजह न उलझने और नियमों का सख्ती से पालन कराने का मातहतों को पाठ पढ़ाया।
कृषि कानूनों के विरोध में ग्यारह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। दस दिन पूर्व लखीमपुर खीरी में विरोध को जमा हुए किसानों को कार से कुचलने के बाद बवाल हो गया था। उसके बाद से विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं लखीमपुर खीरी के सांसद अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग किसान नेता और विपक्ष कर रहा है। मंगलवार के मृत किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए अंतिम अरदास का कार्यक्रम तय हो गया था।
उसमें भाकियू नेता राकेश टिकैत, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत कई बड़े नेताओं की आवाजाही का ऐलान पहले से था। इसे देखते हुए जिला स्तर पर भी प्रशासन अलर्ट था। शासन ने किसान आंदोलन को लेकर आईजी बरेली रमित शर्मा, यूपी 112 लखनऊ में तैनात एसपी अजय पाल और डीजीपी मुख्यालय में तैनात एएसपी अनिल कुमार झा को पीलीभीत का राजपत्रित अधिकारी नियुक्त कर दिया था। लखीमपुर खीरी से सटा जिला होने की वजह से पीलीभीत पर विशेष निगाह रखी जा रही है।
इसी क्रम में सोमवार देर रात आईजी समेत तीनों अधिकारी जिले में आए।पूरनपर पहुंचकर बंडा बॉर्डर पर गए और वहां तैनात पुलिस बल की मुस्तैदी चेक की। कोतवाली पूरनपुर का भी निरीक्षण किया और एसपी दिनेश कुमार प्रभु को त्योहारों को देखते हुए सख्त और पैनी व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। दूसरे दिन मंगलवार दोपहर को डीएम पुलकित खरे ने एसपी समेत कई अधिकारियों संग अमरिया पहुंचकर उत्तराखंड सीमा पर सुरक्षा बंदोबस्त परखे। एसडीएम-सीओ सर्किल स्तर पर निगरानी में जुटे रहे।
बरेली से पीलीभीत-पूरनपुर होकर गुजरे जयंत चौधरी
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी बरेली से पीलीभीत होते हुए लखीमपुर खीरी को रवाना हुए। पहले उन्हें बरेली में प्रशासन ने रोक लिया था। मगर, बाद में चार गाड़ियों की अनुमति दे दी गई थी। उनका काफिला असम हाईवे से होकर गुजरा तो पुलिस बल के इंतजाम रहे। पूरनपुर होते हुए वह खीरी चले गए। उन्होंने ये भी कहा कि लखीमपुर में किसानों की शहादत हुई है। उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। किसानों को न्याय दिलाने तक आंदोलन होगा।
हाईवे पर बैरियर लगाकर चेकिंग
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में जिले से भी काफी संख्या में किसान शामिल हैं। पूरनपुर, अमरिया क्षेत्र में इसका अधिक असर रहा है। गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान धरने में शामिल हुए थे। अब लखीमपुर कांड में मृत किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मंगलवार को कई किसान पीलीभीत से गए। उधर, पुलिस की तरफ से असम, टनकपुर और बरेली हाईवे पर जगह-जगह बैरियर लगाकर चेकिंग कराई जाती रही।