हल्द्वानी: टायरों के अभाव में खड़ी हो गईं रोजवेड की बसें

हल्द्वानी: टायरों के अभाव में खड़ी हो गईं रोजवेड की बसें

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोनाकाल की वजह से रोडवेज पहले से ही घाटे में चल रहा है। ऐसे में आए दिन किसी न किसी कारण के चलते बसों के संचालन नहीं होने से रोडवेज की आय प्रभावित हो रही है। यहीं नहीं इससे जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब रोडवेज के …

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोरोनाकाल की वजह से रोडवेज पहले से ही घाटे में चल रहा है। ऐसे में आए दिन किसी न किसी कारण के चलते बसों के संचालन नहीं होने से रोडवेज की आय प्रभावित हो रही है। यहीं नहीं इससे जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब रोडवेज के पास बसों के लिए टायरों की कमी हो गई है, जिसके चलते बसों का संचालन ठप हो गया है। केवल हल्द्वानी डिपो से 10 बसें ऐसी है जो वर्कशॉप में खड़ी हैं।

बता दें कि पिछले साल कोविड-19 के चलते रोडवेज को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। जिसका असर कर्मचारियों के वेतन कटौती में देखने को मिला। लेकिन इसके अतिरिक्त रोडवेज अन्य दिक्कतों से भी जूझ रहा है। आपको बता दें कि पहले ही रोडवेज की पास कर्मचारियों की कमी चल रही है। उसके ऊपर से कभी ई-टिकटिंग मशीनों की कमी व बसों के स्पेयर पार्टस नहीं होने से बसें डिपो में ही खड़ी रह गई हैं। बसों के संचालन नहीं होने से रोडवेज की आय ता प्रभावित हुई ही है।

वहीं नवरात्र की वजह से यात्रियों की संख्या बढ़ने से लोगों को भी दूसरे राज्यों में आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हल्द्वानी डिपो के एआरएम सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि बसों के टायरों की कमी तो चल रही है, लेकिन पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इससे यात्रियों को कोई परेशानी न हो। टायरों की मांग को लेकर उन्होंने मुख्यालय के लिए पत्र भेजा है। बजट आते ही बसों के रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा।

मुख्यालय को पत्र लिखकर बजट की मांग की गई है। टायरों के लिए 14 लाख का बजट आना है, जो दो दिन के अंदर आ जाएगा। आठों डिपों में 130 टायरों की जरुरत है। हालांकि बुधवार को चार टायर हल्द्वानी डिपो में भेजे गए हैं। – मुकुल कुमार पंत, मंडलीय प्रबंधक तकनीकी