बाराबंकी: लखीमपुर घटना के विरोध में गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने किया अनशन

बाराबंकी। लखीमपुर में हुए किसानों की नृशंस हत्या और सूबे में पुलिसिया अत्याचार के विरूद्ध गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने गांधी भवन में चरखा चलाकर एक दिवसीय सत्याग्रह किया। उन्होंने सरकार की कार्यशैली और सत्याग्रही किसानों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को संविधान के विरुद्ध बताया है। राजनाथ शर्मा ने कहा कि बापू के जन्मदिन पर …
बाराबंकी। लखीमपुर में हुए किसानों की नृशंस हत्या और सूबे में पुलिसिया अत्याचार के विरूद्ध गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने गांधी भवन में चरखा चलाकर एक दिवसीय सत्याग्रह किया। उन्होंने सरकार की कार्यशैली और सत्याग्रही किसानों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को संविधान के विरुद्ध बताया है।
राजनाथ शर्मा ने कहा कि बापू के जन्मदिन पर लखीमपुर खीरी आग की लपेट में था। किसानों का अपने वाजिब मुद्दे को लेकर विरोध में उतरना उसका संवैधानिक हक है। इसका हल राजनीति से ही निकाला जा सकता है। सरकारी हिंसा से दबाया नहीं जा सकता। अगर देश के किसानों के साथ हिंसा में हथियार इस्तेमाल हुआ तो यह तंत्र पर हमला माना जाएगा। आज सरकार के जिम्मेदार ओहदों पर बैठे लोग खुल्लम-खुल्ला हिंसा का प्रचार कर रहे हैं, यह गलत है।
राजनाथ शर्मा ने कहा कि सूबे की पुलिस में भी सुधार की बहुत जरूरत है। गोरखपुर की घटना ने पुलिसिया व्यवहार पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। उप्र में सरकार द्वारा जो अनिष्ट असंवैधानिक व अनैतिक किया जा रहा है। उसके बाद 1975 में आपातकाल के विरोध का कोई भी नैतिक आधार नहीं बचता। केंद्रीय मंत्री की सत्ता का ऐसा अहंकार व दंभ पहले कभी देखने को नहीं मिला। लखीमपुर की घटना की उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायधीश से जांच कराई जाए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने मंत्रीमंडल से केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करे।