दसलक्षण पर्व : ब्रह्मचारिणी आशा ने कहा, मन, वचन, काया तीनों में समानता होना ही आर्जव

दसलक्षण पर्व : ब्रह्मचारिणी आशा ने कहा, मन, वचन, काया तीनों में समानता होना ही आर्जव

मुरादाबाद, अमृत विचार। दसलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म के कार्यक्रम में श्रीपार्श्वनाथ दिगम्बर बड़ा जैन मंदिर में इंदौर की ब्रह्मचारिणी आशा दीदी ने कहा कि उत्तम-आर्जव धर्म का दिन है। ‘आर्जव’ का मतलब होता है सरलता। यानी मन, वचन, काया तीनों में एकरूपता का होना आर्जव है। इसके विपरीत परिणामों की वक्रता …

मुरादाबाद, अमृत विचार। दसलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म के कार्यक्रम में श्रीपार्श्वनाथ दिगम्बर बड़ा जैन मंदिर में इंदौर की ब्रह्मचारिणी आशा दीदी ने कहा कि उत्तम-आर्जव धर्म का दिन है। ‘आर्जव’ का मतलब होता है सरलता। यानी मन, वचन, काया तीनों में एकरूपता का होना आर्जव है। इसके विपरीत परिणामों की वक्रता यानि मन, वचन, और काया तीनों में भिन्नता ही मायाचारी हैं।

कहा, आर्जव आत्मा का स्वभाव है, सहज है। इसीलिये स्वभाव को छिपाने की जरूरत नहीं होती। बहुमूल्य मनुष्य-पर्याय हमें मायाचारी के लिये नहीं, बल्कि आत्मस्वरूप का निर्णय करने के लिये मिली है। इसलिये मनुष्य को छल-प्रपंच छोड़ो और सहज सरल आर्जव-स्वभावी आत्मा का आश्रय लेकर रत्नात्रय के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।
शांतिधारा का सौभाग्य आशु जैन, मिनी जैन, एकलव्य जैन,वं शिका जैन परिवार को प्राप्त हुआ। सांयकालीन कार्यक्रम के प्रायोजक पवन जैन, अलका जैन (हरपालनगर) का परिवार रहा। विधान में तीसरे दिन के अर्घ समर्पित किये गए। दीदी ने तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया। मंगलाचरण शेफाली जैन ने किया। धार्मिक अन्तराक्षरी का आयोजन डॉ. शेफाली जैन की ओर से किया गया।

दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन मंत्री पंकज जैन ने आईएएस अनुराज जैन का स्वागत किया। महिला अध्यक्ष नीलम जैन और मंत्री शिखा जैन ने बताया कि सभी का जीवन उत्तम- आर्जव-धर्म से सुशोभित हो, ऐसी मंगल भावना होनी चाहिए। कार्यक्रम में उपमंत्री अशोक जैन, अनुज जैन, शिवि जैन, पूजा जैन, प्रीति जैन ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।