शिक्षक छात्रों को दें देश की एकता व अखंडता का मूलमंत्र : कैबिनेट मंत्री

मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा अमूल्य गहना है, इसे धारण कर समाज व देश प्रदेश का बेहतर निर्माण कर सकते हैं। शिक्षा से सम्मान और आदर देने का भाव पैदा होता है। शिक्षा का लक्ष्य हमेशा कल्याणकारी विकास और आदर होना चाहिए। पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र …
मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा अमूल्य गहना है, इसे धारण कर समाज व देश प्रदेश का बेहतर निर्माण कर सकते हैं। शिक्षा से सम्मान और आदर देने का भाव पैदा होता है। शिक्षा का लक्ष्य हमेशा कल्याणकारी विकास और आदर होना चाहिए।
पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पंचायत भवन सभागार में रविवार को शिक्षक दिवस पर आयोजित प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के 150 शिक्षकों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। मां शारदा व पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर आयोजन का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने कहा कि शिक्षा के वैचारिक पक्ष का प्रभाव देश दुनिया में पड़ता है।
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता के भाव भी बच्चों में पैदा करने का कार्य शिक्षक करें और पाठ्यक्रम में भी ऐसे विषयों का समावेश होना चाहिए। जिससे नई पीढ़ी देश के सामाजिक ताने बाने के अनुरूप तैयार हो सके।
राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा बुनियाद, माध्यमिक शिक्षा स्तंभ और उच्च शिक्षा इमारत को बुलंद बनाती है। जिपं अध्यक्ष डॉ. शेफाली सिंह ने कहा कि शिक्षक बागवान की भूमिका निभाकर छात्रों के जीवन को सफल बनाते हैं।
शहर विधायक रितेश गुप्ता ने कहा कि बच्चे को जन्म माता पिता देते हैं लेकिन शिक्षक उनको ज्ञान देकर चरित्र निर्माण करते हैं। महापौर विनोद अग्रवाल ने शिक्षकों का स्थान समाज में सबसे ऊंचा बताया। कांठ विधायक राजेश कुमार चुन्नू ने कहा कि गुरु भगवान से पहले वंदनीय हैं।
जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने डा. कृष्णन सहित अन्य शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट कर कहा कि उत्तर प्रदेश में सबसे पहले स्कूल कालेज खोलने का निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया।
इसके पहले आर्य समाज कन्या इंटर कालेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. अरुण कुमार दुबे ने डा. सर्वपल्ली के जीवन पर प्रकाश डालकर उनकी पुस्तक इंडियन फिलासफी के बारे में बताते हुए कहा कि राधाकृष्णन ने प्रथम उपराष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति बनकर शिक्षकों और पूरे देश को गौरवान्वित किया। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा के 75-75 शिक्षकों को शाल, माला और सम्मान पत्र देने के क्रम में राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका मधु सक्सेना का सबसे पहले सम्मान किया गया।
इसके बाद वंदना सक्सेना, सुदेश भटनागर, डा. मनोज कुमार, डा. हेमंत झा, बबिता अग्रवाल, शालिनी गुप्ता, सुहासिनी सिंह, शीतल सिंह, मदन सिंह, अनुज कुमार सिंह, विम्मी रस्तोगी, निधि अग्रवाल, सोनल, मयंक कुमार त्यागी, वंश बहादुर, डेविड वाल्टर, मंजू सिंह, राजीव कुमार शर्मा, वीर पाल सिंह, पूनम रिचर्ड, मोहम्मद इदरीस, हरीश चंद्र तिवारी, प्रियंका विश्नोई, गौरव कुमार, अर्जुन सिंह, सोनू पाल, रमेश चंद्र, रोहित भटनागर, अनामिका गेरा, सीमा शर्मा, निधि भटनागर, रजनीश शर्मा, मीनू रस्तोगी, निधि रस्तोगी, शिव कुमार, पूनम अरोड़ा, विम्मी कौल, शुभ्रा वाष्णेय, नीति पाल, रवींद्र चौहान, हेमेंद्र शर्मा, रीमा गोपाल, नीतू सिंह, दिनेश कुमार, पारुल सहित सभी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। संचालन संजीव आकांक्षी ने किया। आयोजन में संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्ध प्रिय सिंह, नगर शिक्षाधिकारी नगेंद्र सिंह अन्य शिक्षाधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे।