हल्द्वानी: नगर निगम में स्टाफ बेहद कम, वसूली में निकल रहा दम

मनीष तिवारी,अमृत विचार,हल्द्वानी। नगर निगम में स्टाफ बेहद कम है, जिस कारण राजस्व वसूली में कर्मचारियों का दम निकल गया है। इस कमी के कारण राजस्व वसूली का लक्ष्य ही पूरा नहीं हो पाता है। इसका बड़ा असर शहर के विकास पर पड़ता है। टूटी नालियों से लेकर छोटे-मोटे गड्ढे तक भरने के लिए निगम …
मनीष तिवारी,अमृत विचार,हल्द्वानी। नगर निगम में स्टाफ बेहद कम है, जिस कारण राजस्व वसूली में कर्मचारियों का दम निकल गया है। इस कमी के कारण राजस्व वसूली का लक्ष्य ही पूरा नहीं हो पाता है।
इसका बड़ा असर शहर के विकास पर पड़ता है। टूटी नालियों से लेकर छोटे-मोटे गड्ढे तक भरने के लिए निगम हाथ खड़े कर देता है। पिछले साल भी निगम लक्ष्य से 35 फीसदी पिछड़ा रहा। इस साल भी अगस्त तक निगम मात्र 43 फीसदी ही वसूली कर सका है।
वर्ष 2011 में नगर पालिका से विस्तार करते हुए नगर निगम बनाया गया। दो बार चुनाव भी हो चुके हैं। पर अब तक नगर निगम के स्टाफ को पूरा नहीं किया जा सका है। निगम को मजबूत करने के लिए राजस्व वसूली की टीम तक यहां पूरी नहीं है।
निगम में इसके लिए मुख्य कर निर्धारण अधिकारी का एक पद, कर निर्धारण अधिकारी का एक पद, कर अधीक्षक का एक पद और एक आधा दर्जन पद कर निरीक्षक के रिक्त चल रहे हैं। नतीजा यह है कि हर साल निगम को वसूली के लिए करीब सवा पांच करोड़ का लक्ष्य मिलता है। पर निगम का प्रयास 65 फीसदी तक पहुंचते ही दम तोड़ देता है।
निगम को इनसे मिलता है कर
व्यवसायिक भवन – 25 हजार (लगभग)
घर – 20 हजार (लगभग)
दुकानें – 1126
31 अगस्त तक वर्ष 2021-22 की वसूली करोड़ों में
मद लक्ष्य/वसूली/प्रतिशत
भवन कर 1.88/0.75/40
दुकान किराया 1.51/0.75/50
स्वच्छता कर 1.88/0.75/40
वित्तीय वर्ष 2020-21 की वसूली करोड़ों में-
मद लक्ष्य/वसूली/प्रतिशत
भवन कर 1.44/1.20/83
दुकान किराया 1.51/1.05/70
स्वच्छता कर 1.44/1.20/83
-राजस्व विभाग में स्टाफ की कमी की समस्या काफी है। इसका असर राजस्व वसूली पर पड़ता है। शासन से निरीक्षक व अन्य पद बढ़ाए जाने की मांग की गई है।
विजेंद्र चौहान, सहायक नगर आयुक्त