बरेली: सेवानिवृत्ति के बाद महिला कर्मचारी के प्रमाण-पत्र बता दिए फर्जी

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम एक बार फिर चर्चा में है। महिला सफाई कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद नगर निगम ने उसके अभिलेख ही फर्जी बता दिए। यह मामला उस समय सामने आया जब महिला कर्मचारी की पेंशन, ग्रेच्युटी की रकम रोक दी गई। अब उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। माधोबाड़ी निवासी रामभरोसे …

बरेली, अमृत विचार। नगर निगम एक बार फिर चर्चा में है। महिला सफाई कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद नगर निगम ने उसके अभिलेख ही फर्जी बता दिए। यह मामला उस समय सामने आया जब महिला कर्मचारी की पेंशन, ग्रेच्युटी की रकम रोक दी गई। अब उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

माधोबाड़ी निवासी रामभरोसे 1973 में नगर निगम में सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्त हुए थे। राम भरोसे की ओर से 5 जून 1989 को सशर्त त्याग पत्र इस आशय से दिया था कि वो बीमार हैं, उनके स्थान पर पत्नी रानी को सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दे दी जाए। उस समय नगर निगम की जगह महानगर पालिका थी। रामभरोसे के त्यागपत्र को स्वीकार कर रानी को 14 अक्टूबर 1989 को सफाई कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दे दी गई। करीब 12 साल नौकरी के बाद महिला सफाई कर्मचारी 8 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त हो गई।

इससे पहले 13 सितंबर 1991 को एक यूनियन के नेता ने लिखित में प्रार्थना पत्र देकर मुख्य नगर अधिकारी को अवगत कराया कि त्यागपत्र में रामभरोसे का अंगूठा फर्जी है। इसके बाद रामभरोसे के अंगूठे की जांच की गई। 10 मई 1993 को जांच रिपोर्ट में अंगूठा फर्जी साबित हुआ। ऐसी स्थिति में नगर निगम की तरफ से रानी पर धोखा देकर नौकरी हासिल करने पर थाने में तहरीर दी गई मगर मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। रानी ने सेवानिवृत्त होने के बाद जब ग्रेच्युटी अन्य फंड की रकम मांगी तो नगर निगम की ऑडिट, लेखा विभाग ने आपत्ति लगा दी। रानी का फंड रोक दिया गया।

कई गंभीर मामलों ने बढ़ाई अफसरों की परेशानी
नगर निगम में ऐसे कई गंभीर मामले हैं, जो अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इसमें जंक्शन रोड स्थित दुकानें जिन पर सीलिंग की कार्रवाई की गई थी। आरोप है कि नगर निगम को सीलिंग का अधिकार नहीं है। इसी तरह आजाद इंटर कॉलेज की दुकान नंबर 9 को दो बार सील कर दिया गया। दुकान नंबर 10 का मामला भी ऐसा ही है। वहीं, विज्ञापन को लेकर मामला फंसा हुआ है।

शहर में लगे विज्ञापन पर नगर निगम ने विज्ञापन शुल्क के साथ जीएसटी भी लगा दी। इसके बाद विज्ञापन बोर्ड तक हटा दिए गए। इसकी वीडियो तक बनी। रामपुर बाग की कोठी को लेकर भी विवाद चल रहा है। तिलक इंटर कॉलेज के पास प्याऊ की जमीन का आवंटन का मामला तूल पकड़ा है। जंक्शन रोड पर तांगा स्टैंड की जमीन का मामला भी चल रहा है। मिशन रोड पर जमीन पर दुकान बनाने को लेकर मामला भी चल रहा है।

जो मामले चल रहे हैं, उसमें हमने विधिक राय लेकर जवाब तैयार किए हैं। महिला कर्मचारी रानी के मामले में नगर निगम की तरफ से जवाब दिया गया है। -अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

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