UP Budget 2022 : सत्तापक्ष को आया पसंद और विपक्षी बोले, धोखा है भाई धोखा

मुरादाबाद,अमृत विचार। प्रदेश सरकार के बजट को लेकर सत्ता और विपक्ष में दिन भर तर्क-वितर्क हुआ। विधानसभा की कार्यवाही जानने के लिए मुश्तैद रहे। सरकार के संकल्प की चौपाल पर व्याख्या शुरू हो गई है। सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता इससे समावेशी तो विपक्षी लॉलीपॉप और लोगों को धोखा देने वाला बजट बताने लगे। टेलीविजन और …
मुरादाबाद,अमृत विचार। प्रदेश सरकार के बजट को लेकर सत्ता और विपक्ष में दिन भर तर्क-वितर्क हुआ। विधानसभा की कार्यवाही जानने के लिए मुश्तैद रहे। सरकार के संकल्प की चौपाल पर व्याख्या शुरू हो गई है। सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता इससे समावेशी तो विपक्षी लॉलीपॉप और लोगों को धोखा देने वाला बजट बताने लगे। टेलीविजन और सोशल मीडिया पर समाज के जागरूक लोगों ने बजट को समझने की कोशिश है। किसी ने सरकार के पक्ष में कसीदे गढ़े तो किसी ने इसे निराशाजनक बताया। अमृत विचार ने बजट के संकल्प और चुनावी घोषणा पत्र के संदर्भों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल के सदस्यों से सीधी बात की। व्यापारी, दस्तकार, नौजवान और सामाजिक क्षेत्रों में योगदान देने वाले महिलाओं से सीधी बात की। प्रस्तुत है उनकी बातें, उनकी जुबानी…
बातचीत के मुख्य अंश
यह बजट गांव, गरीब, नौजवान, महिला और श्रमिकों को रोमांचित करेगा। यह सर्व समावेशी बजट है, जिसमें समाज के आखिरी व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने का संकल्प है। इस बजट में पांच साल का विजन है और समाज के हर वर्ग को उनका हक देने का संकल्प है। -धर्मेंद्रनाथ मिश्र, अध्यक्ष महानगर भाजपा
राज्य सरकार को पुराने हिसाब का जवाब देना चाहिए। उप मुख्यमंत्री मेडिकल घोटाला पकड़ रहे हैं। छात्रों और बेरोजगारों के साथ छल हुआ है। यह मूल्यहीन बजट है। किसान, नौजवान छले गए हैं। राशन पर सरकार की कैंची चली है। यह धोखा है। -डीपी यादव, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी
राज्य सरकार का बजट दिखावा और लॉलीपॉप है, जिनके राशन कार्ड बनाए गए उन्हें धमकाया जा रहा है। बजट में आम आदमी कहीं है ही नहीं। युवा, बेरोजगार, किसान, महिला और कारोबारी निराश किए गए हैं। यह आत्ममुग्ध बजट है। -अनुभव महरोत्रा, महानगर अध्यक्ष कांग्रेस
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जनता को झुनझुना थमाया है। चुनाव में जो वायदे किए गए थे, उसकी कहीं चिंता नहीं है। यह बजट घोर निराशाजनक है। किसानों और बेरोजगारों के साथ सीधा मजाक है। सरकार के पास गिनाने की कोई काम नहीं है। बजट में लोगों को निराशा मिली है। -वेद प्रकाश सिंह मोनू, जिलाध्यक्ष बसपा
बजट से बहुत उम्मीदें थीं। मुख्यमंत्री ने अपनी चुनावी सभाओं में छोटे एवं मध्यम उद्योगों को बिजली दरों में रियायत देने की बात की थी। गरीब लोगों को बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया था, जो केवल चुनावी वादा निकला। बजट में बिजली दरों में कटौती की जाती तो इसका सीधा लाभ उद्योगों को बढ़ावा देने में मिलता। -आजम अंसारी, चेयरमैन मुरादाबाद ब्रास एसोसिएशन
प्रदेश सरकार का सराहनीय बजट है। सरकार ने जो बजट पास किया है वह व्यापारी तथा प्रदेश की जनता को एक सूत्र में बांधने वाला है। इस बजट से 2024 की तैयारियों का आगाज शुरू हो चुका है। प्रदेश को इस वजह से अग्रिम गति मिलेगी और विकास कार्यों में बढ़ोतरी होगी। -विपिन गुप्ता, प्रदेश मंत्री युवा उद्योग व्यापार मंडल
सरकार की प्राथमिकता में महिलाएं हैं। सुरक्षा और सुशासन का संकल्प बजट में दिख रहा है। गरीब कन्याओं की शादी के लिए सरकार ने खजाना खोला है। अबकी 250 करोड़ रुपये का बजट इस कार्य के लिए आवंटित हुआ है। बजट किसानों और युवाओं को खुश करने वाला है।-गौरी जैन, सामाजिक कार्यकर्ता
सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे
मुरादाबाद। विधान परिषद सदस्य डा. जयपाल सिंह व्यस्त ने प्रमुख सचिव, विधान परिषद को पत्र देकर राज्याधीन सेवाओं में एक अप्रैल 2005 से नियुक्त कार्मिकों को पेंशन का मुद्दा प्रस्तुत किया है। बताया है कि कर्मचारी समाप्त पेंशन सुविधा बहाली के लिए सरकार से निरंतर मांग करते आ रहे हैं। पुरानी पेंशन बहाली पर अभी कोई निर्णय होने से राज्य कर्मचारी कुपित है। देश की कुछ राज्य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन सुविधा को बनाये रखा गया है। कर्मचारी संगठन इसी को अपना आधार मानकर सरकार से पुरानी पेंशन सुविधा बहाल करने की मांग करते हुये आंदोलन करने की धमकी दे रहे है। ऐसे में लोकमहत्व के इस विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं। यह विषय कार्मिकों की सेवानिवृत्ति के बाद की उनकी वृद्धावस्था की जरूरत पूर्ति के लिए अहम है। सरकार इसे बहाल करे।
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