झारखंड के राज्यपाल ने कहा- दुमका से कोलकाता, पटना और रांची के लिए उड़ान मार्ग स्वीकृत
दुमका। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को कहा कि भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (रीजन कनेक्टिविटी स्कीम) के तहत दुमका से कोलकाता, पटना और रांची के लिए सीधी उड़ान सेवा के वास्ते हवाई मार्ग स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि लाइसेंस मिलने के बाद दुमका इन स्थानों से हवाई मार्ग …
दुमका। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को कहा कि भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (रीजन कनेक्टिविटी स्कीम) के तहत दुमका से कोलकाता, पटना और रांची के लिए सीधी उड़ान सेवा के वास्ते हवाई मार्ग स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि लाइसेंस मिलने के बाद दुमका इन स्थानों से हवाई मार्ग के जरिये जुड़ जाएगा। 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने झारखंड की उपराजधानी दुमका में स्थित पुलिस लाइन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “झारखंड तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। राज्य ने कई मायनों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।” बैस ने कहा, “दुमका हवाईअड्डे के उन्नयन का कार्य पूरा किया जा चुका है। आवश्यक लाइसेंस प्राप्त होने के बाद दुमका कोलकाता, पटना और रांची से वायु मार्ग के जरिये जुड़ जाएगा।” उन्होंने बताया कि भारत सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत दुमका से कोलकाता, पटना और रांची के लिए सीधी उड़ान सेवा के वास्ते मार्ग स्वीकृत किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में कुपोषण और एनीमिया के मामलों के साथ-साथ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों के धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों में आधारभूत संरचना का विकास किया जा रहा है। बैस ने कहा कि झारखंड के साहिबगंज जिले में आर्थिक एवं सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक औद्योगिक-सह-लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण करने की भी योजना है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों को निर्देश दिया गया है कि रिक्त पदों को तेजी से भरा जाए, ताकि बेराजगारी दर में कमी आए। राज्यपाल ने कहा, “झारखंड रेशम उत्पादन के मामले में देश का अग्रणी राज्य है, जिसमें संथाल परगना प्रमंडल की प्रमुख भूमिका है। इस प्रमंडल का बांस शिल्प विश्व विख्यात है।
लिहाजा संथाल परगना के सभी छह जिलों को निर्यात हब के रूप में विकसित करने के लिए निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को चिह्नित किया गया है।” उन्होंने कहा कि राज्य को प्रदूषण मुक्त ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए झारखंड सौर ऊर्जा नीति-2022 लागू की गई है। बैस ने जोर देकर कहा कि विकास का लाभ राज्य के सभी वर्गों, विशेषकर वंचित वर्गों तक पहुंचे, इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
ये भी पढ़ें – MP: 11 जिले में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने जताई संभावना, अलर्ट जारी