अयोध्या की पांच सीटों पर बीजेपी के सामने गढ़ बचाने की चुनौती तो सपा के सामने भी मुंह बाये खड़ा सियासी संकट

अयोध्या की पांच सीटों पर बीजेपी के सामने गढ़ बचाने की चुनौती तो सपा के सामने भी मुंह बाये खड़ा सियासी संकट

अयोध्या। गुरुवार की सुबह जब आप चाय की चुस्कियों के साथ अखबार पढ़ रहे होंगे तब तक शायद शुरुआती रुझान भी मिलने शुरू हो जाएंगे। अयोध्या के सियासतदाओं में भी खलबली मची हुई है। यहां भाजपा के सामने लाज बचाने की चुनौती तो सपा प्रत्याशियों के लिए भी सियासी संकट मुंह बाए खड़ा है। जनपद …

अयोध्या। गुरुवार की सुबह जब आप चाय की चुस्कियों के साथ अखबार पढ़ रहे होंगे तब तक शायद शुरुआती रुझान भी मिलने शुरू हो जाएंगे। अयोध्या के सियासतदाओं में भी खलबली मची हुई है। यहां भाजपा के सामने लाज बचाने की चुनौती तो सपा प्रत्याशियों के लिए भी सियासी संकट मुंह बाए खड़ा है। जनपद की चार ही सीटों पर सपा-भाजपा में मुकाबला है, जबकि एकमात्र रुदौली विधानसभा में ही हाथी झूम रहा है।

अयोध्या विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी वेद प्रकाश गुप्त के सामने सपा के तेज नारायण पांडे पवन ने कड़ी चुनौती खड़ी कर रखी है। विधायक वेद गुप्त पर अयोध्या के नाते बहुत बड़ा दारोमदार है। अगर अयोध्या में भाजपा लूज होती है तो प्रदेश ही नहीं बल्कि देश-दुनियां में भी भाजपा की बड़ी बदनामी हो सकती है। सपा प्रत्याशी पवन ने बेजोड़ मेहनत की है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की विजय यात्रा के दौरान पवन के समर्थन में अयोध्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।

2017 के विधानसभा चुनाव में लहर के दौरान पवन भाजपा प्रत्याशी वेद गुप्त से 50 हजार के अंतर से हारे थे, लेकिन इस बार माहौल बिल्कुल अलग है। सियासी पंडित भी अयोध्या में इस बार बड़ा उलटफेर का संकेत दे चुके हैं। मिल्कीपुर विधानसभा में भी कुछ यही हाल है। सुरक्षित सीट पर भाजपा और सपा में ही लड़ाई है। भाजपा विधायक गोरखनाथ बाबा के लिए इस बार सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को पटखनी देना आसान नहीं लग रहा है। पूरे पांच साल तक अवधेश ने छुट्टा जानवरों के मुद्दे पर मुखर होते हुए मिल्कीपुर में विधायक व सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रखा था। बीकापुुर की लड़ाई चुनाव के बाद से कहीं न कहीं त्रिकोणीय नजर आ रही है। चुनाव के पहले तक भाजपा प्रत्याशी डॉ. अमित सिंह व सपा प्रत्याशी हाजी फिरोज गब्बर के बीच ही मुकाबला था, लेकिन चुनाव के दौरान बसपा प्रत्याशी सुनील पाठक ने भी जमकर लड़ाई लड़ी है। यहां तीनों ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला गुरुवार को ही हो सकेगा।

इलेक्शन से पहले से ही हाईलाइट अयोध्या जनपद की गोसाईगंज विधानसभा पर भी सब नजरें गड़ाए बैठे हैं। यहां मुकाबला दो बाहुबलियों के बीच है। हालांकि भाजपा से विधायक रहे इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू जेल में निरुद्ध हैं। पार्टी ने उनकी पत्नी आरती तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार हारे सपा प्रत्याशी अभय सिंह ने उन्हें इस बार कांटे की टक्कर दी है। यहां यह कहना गलत होगा कि मुकाबला एकतरफा है, लेकिन भाजपा प्रत्याशी के साथ गोसाईगंज की जनता की सहानुभूति अधिक थी। रुदौली विधानसभा में लड़ाई शुरू से ही त्रिकोणीय रही है। सपा से बसपा में गए अब्बास अली जैदी रुश्दी मियां ने भाजपा का विजय रथ रोकने व सपा को लड़ाई से बाहर करने के लिए दिन-रात एक कर दिया था। भाजपा प्रत्याशी अगर जीते उनकी हैट्रिक लग जाएगी। सपा प्रत्याशी आनंद सेन यहां लड़ाई में तीसरे नंबर पर दिख रहे हैं।

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