Vimal Kumar
साहित्य 

नववर्ष पर पढ़िए विमल कुमार की कविता- 'नए साल में तारे भी गहरी सांस लेंगे'

नववर्ष पर पढ़िए विमल कुमार की कविता- 'नए साल में तारे भी गहरी सांस लेंगे' नए साल मेंक्या आसमान साफ रहेगापहले की तरह धुंध और कोहरे से मुक्त हो जाएगावह चांद भी मद्धम रहेगाया फिर वह चमक जाएगा? हवाएं पहले की तरह बहेंगीकिसी को बाहों में घेर लेंगी?तितलियां भी...
Read More...

Advertisement

Advertisement