Cyber fraud in Barabanki : घर बैठे कमाई का झांसा देकर 17.92 लाख ठगे, साइबर थाना में पीड़ित ने दर्ज कराई FIR
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बाराबंकी : घर बैठे धन कमाने के लालच में सबकुछ गवांने का सिलसिला जारी है। ऐसे ही एक मामले में शहर के रहने वाले युवक से साइबर ठगों ने करीब 18 लाख रुपये ठग लिए। युवक को रिफंड न मिलने पर ठगी का एहसास हुआ, तब उसकी तहरीर पर साइबर थाना में रिपोर्ट दर्ज की गई।
मामला शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत आवास विकास कॉलोनी निवासी अजय कुमार यादव से जुड़ा है। उसके साथ एक बड़ा ऑनलाइन फ्रॉड हो गया। अजय ने साइबर थाना पुलिस को बताया कि एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिए उसे घर बैठे पैसे कमाने का लालच दिया गया और धीरे-धीरे उसे करोड़ों की कमाई का झांसा देकर करीब 17.92 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। पीड़ित के अनुसार 12 फरवरी को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया जिसमें गूगल मैप पर रिव्यू करने के एवज में पैसे देने की बात कही गई थी।
शुरुआत में कुछ छोटे-छोटे टास्क के बदले उसे 203, फिर 150 आदि की पेमेंट मिलती रही जिससे उस पर विश्वास हो गया। इसके बाद टेलीग्राम ग्रुप, रिव्यू टास्क और प्रीपेड टास्क के बहाने उसे अलग-अलग चरणों में एक हजार से लेकर 2 लाख 32 हजार तक ट्रांसफर कराए गए। हर बार उसे रिटर्न की फर्जी आईडी दिखाकर विश्वास में लिया गया। अंत में 5.12 लाख की रकम टैक्स के नाम पर जमा करवाई गई और कुल रकम 17.92 लाख तक पहुँच गई। जब पीड़ित ने रिफंड की मांग की तो वीआईपी चैनल के नाम पर और 7.16 लाख की डिमांड की गई, तब जाकर उसे धोखाधड़ी का अहसास हुआ। आर्थिक रूप से टूट चुके अजय ने ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज की और सोमवार को साइबर थाना में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज करवाई। साइबर थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जाँच शुरू कर दी है।
व्यापारी से 12 लाख की ठगी, भेजा घटिया माल
करार के बाद दिल्ली से माल आया पर एजेंट मिला न प्रचार प्रसार का कोई इंतजाम। उस पर माल की घटिया क्वालिटी की शिकायत खरीददारों ने कर दी। कंपनी से संपर्क बंद हो गए। पुलिस से शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट की शरण ली, कोर्ट के आदेश पर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
प्रकरण सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम बिकौली का है, यहां के निवासी सुनील कुमार ने मेसर्स विटल होम केयर नई दिल्ली के शुभम जैन और प्रकाश नारायण पाण्डेय पर धोखाधड़ी और कूटरचित माल भेजने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने विटल होम केयर के साथ डिटर्जेंट पाउडर और केक के वितरण का करार किया था। कंपनी ने लगभग 12 लाख रुपये का माल भेजा, लेकिन कोई एजेंट भेजा गया और न ही प्रचार-प्रसार की व्यवस्था की गई।
उन्होंने बताया कि माल की गुणवत्ता बेहद खराब थी, जिससे ग्रामीण दुकानदारों और उपभोक्ताओं को हाथों में जलन और कपड़ों को नुकसान जैसी शिकायतें मिलीं। शिकायतकर्ता ने कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की तो फोन उठाना बंद कर दिया गया। उन्हें यह भी जानकारी मिली कि कंपनी का कानपुर स्थित कार्यालय बंद हो चुका है और अन्य व्यापारियों से भी ठगी की शिकायतें सामने आई हैं। उसने पहले स्थानीय थाना और बाद में एसपी को लिखित रूप में सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विवश होकर वह न्यायालय की शरण में गया।
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