ऋतु गोड़ियाल
साहित्य 

... फिर भी जिया जाएगा माला के आखिरी मनके के गिने जाने तक : ऋतु गोड़ियाल

... फिर भी जिया जाएगा माला के आखिरी मनके के गिने जाने तक : ऋतु गोड़ियाल एक दिन सब टूट जाएगा, सपने, दिल, रिश्ता और सबसे आख़िर में ये सांसें.इन सब में सबसे कम दर्द जिस्म से रूह के अलग हो जाने पर होगा, और असहनीय पीड़ा रहेगी दिल टूटने की, जहां मर जाने पर...
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साहित्य 

… मैं उस शाम आऊंगी – ऋतु गोड़ियाल

… मैं उस शाम आऊंगी – ऋतु गोड़ियाल सुनो…. मैं उस शाम आऊंगी, जिस शाम तुम गुनगुनाओगे। तुम्हारे हाथों की गर्मी, आंखों की शरारतें, और होंठो की मुस्कान, ये सब पुकारेंगी तो.. मैं उस शाम आऊंगी। मैं फूल चुनूंगी सदाबहार के, मैं आंखों में काजल, माथे पर बिंदिया, जब सजाऊंगी, मैं उस शाम आऊंगी । प्रियतम मेरे…. जिस शाम तुम्हें जाना ना होगा, …
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साहित्य 

मां…तुम बहुत याद आती हो : ऋतु गोड़ियाल

मां…तुम बहुत याद आती हो : ऋतु गोड़ियाल मां…तुम बहुत याद आती हो, सुबह उठते ही भीगे तकिये में, मेरी सूजी हुई लाल आंखों में, मां तुम बहुत याद आती हो। तुम्हारी कही बातें एकाएक सच होने लगी हैं, वो नसीहतें जो बोर हुआ करती थीं, अब मेरे जीवन का हिस्सा हो चली हैं, धीरे बोलो कम बोलो ये सब, काम आने लगा …
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