Universe
विदेश  Special 

Universe स्वयं को क्यों खंडित कर रहा है? डार्क एनर्जी हमारी सोच से कहीं अधिक जटिल हो सकती है

Universe स्वयं को क्यों खंडित कर रहा है? डार्क एनर्जी हमारी सोच से कहीं अधिक जटिल हो सकती है सिडनी। ब्रह्मांड किससे बना है? यह प्रश्न सैकड़ों वर्षों से खगोलविदों को उद्वेलित करता रहा है। पिछली एक चौथाई सदी से, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि परमाणु और अणु जैसी ‘‘सामान्य’’ चीजें जो आपको, मुझे, पृथ्वी और लगभग हर चीज...
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विदेश  Special 

ब्रह्मांड की दो सबसे शानदार घटनाओं के बीच संबंधों की खोज रही बेनतीजा

ब्रह्मांड की दो सबसे शानदार घटनाओं के बीच संबंधों की खोज रही बेनतीजा अक्सर। खगोलविदों को अंतरिक्ष से रेडियो तरंगों की एक तीव्र चमक दिखाई देती है - एक चमक जो केवल कुछ क्षणों तक रहती है लेकिन एक मिलीसेकंड में उतनी ही ऊर्जा उत्सर्जित करती है जितनी सूर्य कुछ वर्षों में करता...
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उत्तराखंड  चमोली 

ब्रह्मांड के रहस्यों की झलक देखनी हो तो बेनीताल आइये ! 

ब्रह्मांड के रहस्यों की झलक देखनी हो तो बेनीताल आइये !  चमोली। ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने की उत्सुकता हो तो उत्तराखंड में चमोली जिले के बैनीताल आइये। बहरहाल बेनीताल को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र में एस्ट्रो गेज़िंग,स्टार गेज़िंग विकसित की जा रही...
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विदेश  Special 

वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के सभी पदार्थों का जारी किया नया सटीक नक्शा

वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड के सभी पदार्थों का जारी किया नया सटीक नक्शा शिकागो। जब ब्रह्मांड शुरू हुआ, तो पदार्थ बाहर की ओर फेंका गया और धीरे-धीरे उन ग्रहों, तारों और आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ जिन्हें हम आज जानते हैं और प्यार करते हैं। आज उस मामले के मानचित्र को ध्यान से जोड़कर,...
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विदेश 

अब धीरे से कानों में कुछ कहेगा ब्रह्मांड, आंकड़ों को ध्वनि में बदल रहे वैज्ञानिक

अब धीरे से कानों में कुछ कहेगा ब्रह्मांड, आंकड़ों को ध्वनि में बदल रहे वैज्ञानिक मेलबर्न। हम अक्सर खगोल विज्ञान को एक दृश्य विज्ञान के रूप में सोचते हैं ब्रह्मांड की सुंदर छवियों के साथ। हालांकि, खगोलविद प्रकृति को गहराई से समझने के लिए छवियों से परे विश्लेषण उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करते हैं। डेटा सोनिफिकेशन डेटा को ध्वनि में बदलने की प्रक्रिया है। इसके अनुसंधान, शिक्षा …
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धर्म संस्कृति 

क्यों कहते हैं कि ‘काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है!’

क्यों कहते हैं कि ‘काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है!’ क्यों कहते हैं कि ‘काशी जमीन पर नहीं है, वह शिव के त्रिशूल के ऊपर है!’ क्योंकि काशी एक यंत्र है एक असाधारण यंत्र!! मानव शरीर में जैसे नाभि का स्थान है, वैसे ही पृथ्वी पर वाराणसी का स्थान है.. शिव ने साक्षात धारण कर रखा है इसे! शरीर के प्रत्येक अंग का संबंध नाभि …
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धर्म संस्कृति 

…ईश्वर की हमारी तलाश पूरी होनी है तो इसी जीवन, इसी संसार में पूरी होगी

…ईश्वर की हमारी तलाश पूरी होनी है तो इसी जीवन, इसी संसार में पूरी होगी हमें हजारों सालों से एक ईश्वर की तलाश है। एक ऐसा ईश्वर जिसे किसी ने नहीं देखा, लेकिन माना जाता है कि यह ब्रह्मांड उसी की रचना है और हम सबके जीवन, मृत्यु और भाग्य पर उसी का नियंत्रण है। धर्म और अध्यात्म दोनों की दृष्टि में संसार का अतिक्रमण ही ईश्वर को पाने का …
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