प्रयागराज: सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज: सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी के मौके पर शनिवार को अपराह्न 12 बजे तक सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान किया। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बसंत पंचमी का मुहूर्त शनिवार …

प्रयागराज। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम कुंभ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी के मौके पर शनिवार को अपराह्न 12 बजे तक सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अन्त: सलिला स्वरूप सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान किया।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बसंत पंचमी का मुहूर्त शनिवार सुबह 6.43 बजे से आरंभ होकर रविवार को सुबह 6.44 बजे तक रहेगा। उत्तर भद्रपद नक्षत्र, सिद्धि योग के अलावा मकर राशि में सोम, बुध और शनि का संचरण होने से स्नान, दान एवं पूजन का महत्व बढ़ गया है। बसंत पंचमी की पुण्य बेला में स्नान करने के लिए काफी श्रद्धालु मौनी अमावस्या से मेला क्षेत्र में परिचित संतो और कल्पवासियों के शिविर में टिके रहे।

मेला क्षेत्र में स्थापित कंट्रोल रूम से मिले आंकड़ों के अनुसार 12 बजे तक करीब सात लाख लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगायी। प्रशासन के लगातार मास्क लगाने की चेतावनी के बावजूद बड़ी संख्या में लोग मेलाक्षेत्र में बिना मास्क के भ्रमण कर रहे हैं।

माघ मेले में घने कोहरे और हाड़ कंपाने वाली सर्द हवाओं के बीच दूर दराज से आए श्रद्धालु संगम की पवित्र धारा में डुबकी लगा रहे हैं। आस पास के स्नान घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए सभी पांच सेक्टरों में बने नौ स्नान घाटों पर तांता लगा है। सबसे लंबा घाट संगम नोज को बनाया गया है। कल्पवासियों के लिए झूंसी छोर पर पंटून पुलों के पास घाट बनाए गए हैं।

श्रद्धालुओं की आस्था को कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन संक्रमण भी डिगा नहीं पाया। संगम में स्नान करते समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौन रहे तो कुछ हर-हर महादेव, जय गंगे, और ओम नम: शिवाय का जाप करते रहे। आस्था की मौन डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने मां गंगा का विधि विधान से पूजन किया एवं उनको दुग्ध अर्पित किया।

सूर्य देव को जल देते हुए परिवार की सुख, समृद्धि एवं स्वास्थ्य की कामना किया। मेला में श्रद्धालु ऊंच-नीच, अमीर-गरीब और स्वस्थ- रूग्ण की दीवार ढहा एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगा रहे हैं। स्नान के बाद श्रद्धालु घाट पर बैठे तीर्थ पुरोहितों को दान देकर पास में बड़े मंदिर जाकर हनुमान जी का दर्शन कर रहे हैं। बहुत से श्रद्धालुओं ने अक्षय वट का भी दर्शन किया।

चु्ंगी से लेकर संगम तट तक श्रद्धालुओं का पैदल आवागमन जारी है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष फोकस किया जा रहा है। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गयी है। भीड़ अधिक होने से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन मुश्किल हो रहा है।

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