पॉल्यूशन का सॉल्यूशन! दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद, 10 नवंबर से ‘सुप्रीम’ सुनवाई

पॉल्यूशन का सॉल्यूशन! दिल्ली में कल से प्राइमरी स्कूल बंद, 10 नवंबर से ‘सुप्रीम’ सुनवाई

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाए जाने को लेकर संयुक्त प्रेसवार्ता की। प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ऐलान किया कि कल से (शनिवार 05 नवंबर) प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। केजरीवाल ने कहा कि उत्तर भारत …

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाए जाने को लेकर संयुक्त प्रेसवार्ता की। प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ऐलान किया कि कल से (शनिवार 05 नवंबर) प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। केजरीवाल ने कहा कि उत्तर भारत को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र को विशेष कदम उठाने की जरूरत, दोषारोपण और राजनीति का समय नहीं है।

दिल्ली में वायु प्रदूषण के बीच प्राथमिक स्कूल शनिवार से स्थिति सुधरने तक बंद रहेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पांचवीं से ऊपर के स्कूलों में आउटडोर ऐक्टिविटीज बंद रहेंगी। गौरतलब है, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के स्कूलों ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कक्षा 1-8 के छात्रों के लिए 8-नवंबर तक ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का फैसला लिया है।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के खेतों में पराली को दबाने के लिए 1.20 लाख मशीन तैनात, ग्राम पंचायतों ने पराली नहीं जलाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, यह समय दोषारोपण और राजनीति का नहीं, बल्कि समस्या का समाधान खोजने का है। केजरीवाल या पंजाब सरकार को दोष देने से कुछ नहीं होगा। शहर में शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। केजरीवाल ने घोषणा की कि शनिवार से शहर में प्राथमिक स्कूल बंद रहेंगे और स्कूलों में पांचवीं से ऊपर की कक्षाओं के छात्रों की खुले में खेल गतिविधियों की भी अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा, हम वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू करने पर भी विचार कर रहे हैं।

प्रेसवार्ता के दौरान केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। केजरीवाल ने स्वीकार किया कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की जिम्मेदारी उनकी पार्टी की है क्योंकि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, चूंकि, पंजाब में हमारी सरकार है इसलिए पराली जलाने की घटनाओं के लिए हम जिम्मेदार हैं। हमें वहां सरकार बनाए केवल छह महीने हुए हैं और कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जा रहा है। हम हल ढूंढ रहे हैं। समस्या के समाधान के लिए हमें एक साल का समय दें। वहीं, मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब में धान की भारी पैदावार के चलते पराली की मात्रा और बढ़ी है। उन्होंने कहा, पंजाब के खेतों में पराली को दबाने के लिए 1.20 लाख मशीन तैनात की गई हैं। ग्राम पंचायतों ने पराली नहीं जलाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किए हैं।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के स्टेज-4 के तहत उपायों को लागू करने का फैसला लिया है। इसके तहत इलेक्ट्रिक और सीएनजी के अलावा आवश्यक वस्तुओं से जुड़े ट्रकों को छोड़कर अन्य ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। बीएस-VI वाहनों के अलावा डीज़ल वाले चार पहिया हल्के मोटर वाहन और निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेंगे।

गौतमबुद्धनगर (उत्तर प्रदेश) में ज़िला विद्यालय निरीक्षक ने वायु प्रदूषण के मद्देनज़र 8 नवंबर तक सभी विद्यालयों की पहली से 8वीं तक की कक्षाओं को ऑनलाइन संचालित करने का आदेश दिया है। वहीं, 9-12 तक की कक्षाओं को भी ‘यथासंभव ऑनलाइन’ संचालित करने को कहा गया है। इसके अलावा, अग्रिम आदेश तक विद्यालयों में आउटडोर गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

वायु प्रदूषण एक ‘साइलेंट किलर’
दिल्ली AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चे, बुजुर्ग, जिनके के फेफड़े और हार्ट कमजोर हैं उनको ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण ज्यादा है। जाना है तो दिन में जाएं जब धूप निकल गई हो और मास्क लगा कर जाएं। वायु प्रदूषण को हम एक साइलेंट किलर कह सकते हैं। प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही हैं और जीवन स्तर कम हो रहा है। AIIMS में वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है।

SC प्रदूषण से जुड़ी जनहित याचिका पर 10 नवंबर को करेगा सुनवाई
उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पराली जलाने पर नए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) को सुनवाई के लिए 10 नवंबर को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने वकील शशांक शेखर झा के प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया। झा ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में एक जनहित याचिका दायर कर कहा कि दिल्ली के निकटवर्ती इलाकों में पराली जलाए जाने के कारण वायु प्रदूषण की स्थिति और खराब हो गई है। वकील ने कहा, ऐसे हालात में आम लोग भी नहीं चल सकते और पराली जलाए जाने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर बढ़ गया है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, इसे 10 नवंबर को सूचीबद्ध करें।

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