अब नहीं भटकेंगे मरीज, BHU ट्रामा सेंटर में खुलेगा बोन एंड टिशू बैंक

अब नहीं भटकेंगे मरीज, BHU ट्रामा सेंटर में खुलेगा बोन एंड टिशू बैंक

वाराणसी। काशी में अब मरीजों को भटकने की जरूरत नही पड़ेगी क्योंकि किडनी, लीवर के ट्रांसप्लांट की तरह अब मरीजों को जरूरत पड़ने पर शरीर में बेकार बोन एंड टिशू भी बदला जा सकेगा। आईएमएस बीएचयू (IMS BHU) के ट्रॉमा सेंटर में अब बोन एंड टिशू बैंक खोलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए …

वाराणसी। काशी में अब मरीजों को भटकने की जरूरत नही पड़ेगी क्योंकि किडनी, लीवर के ट्रांसप्लांट की तरह अब मरीजों को जरूरत पड़ने पर शरीर में बेकार बोन एंड टिशू भी बदला जा सकेगा। आईएमएस बीएचयू (IMS BHU) के ट्रॉमा सेंटर में अब बोन एंड टिशू बैंक खोलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए ट्रॉमा सेंटर में जगह चयन के साथ ही कमेटी का गठन कर लिया गया है। अगले महीने दीपावली के पहले यह बैंक काम करने लगेगा। जानकारी के मुताबिक  देश में दिल्ली एम्स के बाद आईएमएस बीएचयू इस तरह के बैंक की सुविधा देने वाला दूसरा संस्थान होगा।

बीएचयू (BHU) ट्रॉमा सेंटर में सड़क दुघर्टना में घायल मरीज इलाज के लिए आते हैं। आम तौर पर बड़ी दुर्घटनाओं में बहुत से लोगों को शरीर में कुछ हड्डियां टूट जाती हैं। इसमें ऑपरेशन के दौरान कुछ हड्डियां तो जुड़ जाती हैं, लेकिन कभी-कभी चोट अधिक होने की वजह से हाथ या पैर के अंगों को मजबूरी में काटना पड़ता है

ऐसे कटे, टूटे अंगों में जो काम की हड्डियां या टिशू होंगे, उसी को बोन एंड टिशू बैंक में जमा कराया जाएगा। यह एक अलग तरह का बैंक होगा, इसमें जमा कराए गए बोन, टिशु को जरूरत पड़ने पर इसके पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जरूरतमंद मरीज को लगाया जाएगा।

वहीं ट्रॉमा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज के निर्देशन में इसके संचालन के लिए जरूरी उपकरण आदि की खरीददारी की प्रक्रिया भी चल रही है। इस बात की जानकारी ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज प्रोफेसर सौरभ सिंह ने दिया। प्रो. सिंह ने कहा कि बोन एंड टिशू बैंक सड़क दुघर्टना में घायल मरीजों के इलाज में मददगार बनेगा। इसके लिए जगह के चयन और इसको शुरू करने के लिए टीम के चयन साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी करने का काम अंतिम चरण में हैं।