National Games : नीरज चोपड़ा का राष्ट्रीय खेलों में भाग लेना मुश्किल, जानिए क्यों?

नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के निर्देश के बावजूद चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का लंबे अंतरराष्ट्रीय सत्र और कमर में चोट के कारण आगामी राष्ट्रीय खेलों में भाग लेना मुश्किल है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने गुरुवार को ज्यूरिख में प्रतिष्ठित डायमंड लीग फाइनल का खिताब जीत कर एक और ऐतिहासिक …

नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के निर्देश के बावजूद चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का लंबे अंतरराष्ट्रीय सत्र और कमर में चोट के कारण आगामी राष्ट्रीय खेलों में भाग लेना मुश्किल है। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चोपड़ा ने गुरुवार को ज्यूरिख में प्रतिष्ठित डायमंड लीग फाइनल का खिताब जीत कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। वह इस खिताब को जीतने वाले पहले भारतीय बने।

इसके एक दिन बाद उनसे 29 सितंबर से 12 अक्टूबर तक गुजरात के विभिन्न शहरों में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के बारे में पूछा गया। चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रीय खेल करीब आ रहे हैं। मैं अभी कमर की चोट से उबर रहा हूं। मैं एक या दो सप्ताह तक प्रशिक्षण नहीं ले पाऊंगा। इसलिए मैं मुख्य रूप से अगले साल पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं।’’ आईओए ने देश के शीर्ष एथलीटों के लिए खेलों में भाग लेना अनिवार्य कर दिया है, जिससे कई खिलाड़ियों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ सकता है।

आईओए का निर्देश गृह मंत्री अमित शाह द्वारा खेलों के शुभंकर और राष्ट्रगान के लॉन्च के बाद आया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह अब तक के सबसे बड़े और भव्य राष्ट्रीय खेल होंगे। राष्ट्रीय खेलों का आयोजन सात साल के लंबे अंतराल पर होगा। इस चोट के कारण चोपड़ा अमेरिका में हुए विश्व चैम्पियन में रजत पदक जीतने के बाद इस साल जुलाई-अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं ले पाए थे। उन्होंने हालांकि एक महीने के बाद 26 अगस्त को डायमंड लीग सीरीज के लुसाने चरण को जीतकर यहां फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और इसके विजेता बनकर अंतरराष्ट्रीय सत्र को शानदार तरीके से खत्म किया। वह डायमंड लीग मीट में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है।

उन्होंने लुसाने में 89.08 मीटर के थ्रो से अपने करियर के तीसरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ यह खिताब जीता था। ज्यूरिख में चोपड़ा ने फाउल से शुरुआत की लेकिन अपने दूसरे प्रयास में 88.44 मीटर भाला फेंक कर वह शीर्ष पर पहुंच गए। यह उनके करियर का चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जो आखिर में उन्हें स्वर्ण पदक दिला गया। उन्होंने अपने अगले चार प्रयास में 88.00 मीटर, 86.11 मीटर, 87.00 मीटर और 83.60 मीटर भाला फेंका। चेक गणराज्य के ओलंपिक रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज 86.94 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इसे उन्होंने अपने चौथे प्रयास में हासिल किया। जर्मनी के जूलियन वेबर 83.73 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

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