Kannauj: स्कूलों के समय को लेकर अधिकारियों में असमंजस; एक दिन के लिए बदली टाइमिंग, आदेश से शिक्षक परेशान

बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन विद्यालयों के समय को लेकर एकमत नहीं अधिकारी

Kannauj: स्कूलों के समय को लेकर अधिकारियों में असमंजस; एक दिन के लिए बदली टाइमिंग, आदेश से शिक्षक परेशान

बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विद्यालयों के समय को लेकर आलाधिकारी एक मत नहीं हैं। ताजा स्थिति यह है कि 26 अप्रैल को जारी पत्र में कहा गया है कि 28 अप्रैल तक विद्यालयों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े 11 बजे तक रहेगा।

कन्नौज, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विद्यालयों के समय को लेकर आलाधिकारी एक मत नहीं हैं। कभी बीएसए के आदेश को बदल दिया जाता है तो कभी अपना ही निर्णय पुराने ढर्रे पर आ जाता है। अगर शासन के अफसर कोई फरमान जारी करते हैं तो उसका पालन होने लगता है। 

एक बार फिर से नया पत्र आया है, जो एक दिन के लिए ही लागू होगा। ऐसा क्यों किया गया है, यह बताने वाला कोई नहीं है। इसको लेकर शिक्षक परेशान हैं। दरअसल, सभी प्राथमिक, जूनियर व कंपोजिट विद्यालयों के अलावा मान्यता प्राप्त और शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षाओं का समय सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का चल रहा था। 

सूबे के कुछ जिलों के बीएसए ने शिक्षक संगठनों की मांग व गर्मी को लेकर समय सुबह साढ़े सात से एक बजे तक कर दिया। इस पर बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने रोक लगा दी। पत्र जारी कर कहा कि विद्यालयों का समय सुबह आठ से दो बजे तक ही रहेगा। बदलाव शासन स्तर से ही किया जाएगा। 

24 अप्रैल को विशेष सचिव यतींद्र कुमार ने पत्र जारी किया और कहा कि कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में कक्षाओं का समय सुबह साढ़े सात से दोपहर एक बजे तक रहेगा। 26 अप्रैल को निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने फिर पत्र जारी कर कहा है कि 28 अप्रैल तक विद्यालयों का समय सुबह साढ़े सात से साढ़े 11 बजे तक रहेगा। 

चूंकि 28 को रविवार है तो 27 अप्रैल यानि एक दिन के लिए ही विद्यालयों का समय बदला गया। 29 अप्रैल को फिर से स्कूल सुबह साढ़े सात से दोपहर एक बजे तक खुलेगा। आदेश मिलने के बाद बीएसए उपासना रानी वर्मा ने भी स्थानीय स्तर पर बदलाव कर दिया है। दूसरी ओर शिक्षकों की परेशानी यह है कि वह सभी बच्चों तक एक दिन के लिए जारी हुए नए आदेश की जानकारी कैसे पहुंचाएं।  

यह भी पढ़ें- UP: अचानक जाग उठा मुर्दा! बोला- ‘अम्मा-बाबू, मैं मरा नहीं जिंदा हूं; सुनकर परिजन हुए हैरान, पुलिस के भी उड़े होश