मुरादाबाद : सपा सांसद के बिगड़े बोल- शादी में विलंब पर आवारागर्दी करेंगी लड़कियां

मुरादाबाद : सपा सांसद के बिगड़े बोल- शादी में विलंब पर आवारागर्दी करेंगी लड़कियां

मुरादाबाद, अमृत विचार। संभल के सपा सांसद डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में उतरे हैं। बेटियों की शादी की उम्र (21 साल) को लेकर बेतुका बयान दिया है। यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। सांसद का तर्क है कि लड़िकयों की शादी की उम्र तो 14 साल …

मुरादाबाद, अमृत विचार। संभल के सपा सांसद डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में उतरे हैं। बेटियों की शादी की उम्र (21 साल) को लेकर बेतुका बयान दिया है। यह बात सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। सांसद का तर्क है कि लड़िकयों की शादी की उम्र तो 14 साल होनी चाहिए। अगर लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई गई तो वह आवारागर्दी करेंगी। इनका कहना है कि जल्दी शादी हो जाने से लड़कियां बुरे हालात से बच जाती हैं।

दूरभाष पर बातचीत में कहा कि लड़कियों की न्यूनतम उम्र के केंद्र सरकार के निर्णय का वह विरोध करेंगे। बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सांसद का तर्क है कि लड़की पैदा होने के बाद से ही पिता चिंता में रहने लगता है। उसकी शादी हो जाती है तो उसकी (पिता) जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता है। क्योकि शादी के बाद लड़की की जिम्मेदारी उसके ससुराल वालों की हो जाती है।

तालिबान प्रकरण में दर्ज है राष्ट्रदोह का मुकदमा
अगस्त महीने में सांसद ने तालिबान की प्रसंशा की थी। इस प्रकरण में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज है। सांसद ने तालिबानियों की तुलना देश के स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों से की थी। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद डॉ. बर्क ने कहा था कि जिस तरह भारत ने अंग्रेजो से देश को आजाद कराया, ठीक वैसे ही तालिबान ने अमेरिका से अफगानिस्तान को आजाद कराया है। साल 2013 में डॉ. शफीकुर्रमान संसद में राष्ट्रीय गीत का बहिष्कार कर चुके हैं। बसपा सांसद के रूप में संसद में राष्ट्रीय गीत का विरोध किया था। वंदे मातरम शुरू होने के बाद वह संसद से बाहर निकल गए थे। वर्ष 2019 में भी बर्क ने लोक सभा में वंदेमातरम् का विरोध किया। जबकि 1997 में संसद के 50 साल पूरे होने वाले स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रीय गीत का बहिष्कार कर चुके हैं। बर्क तर्क देते हैं कि वंदेमातरम का मतलब भारत माता की पूजा या वंदना है, जो इनके धर्म में नाजायज है।

तालिबान प्रकरण में दर्ज है राष्ट्रदोह का मुकदमा
सांसद डॉ.शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबानियों की तुलना देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से की थी। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद डॉ. बर्क ने कहा था कि जिस तरह भारत ने अंग्रेजों से देश को आजाद कराया, ठीक वैसे ही तालिबान ने अमेरिका से अफगानिस्तान को आजाद कराया है। साल 2013 में डॉ. शफीकुर्रमान संसद से राष्ट्रीय गीत का बहिष्कार कर चुके हैं। सपा सांसद के रूप में संसद में राष्ट्रीय गीत का विरोध किया था। वंदे मातरम शुरू होने बाद वह संसद से बाहर निकल गए थे। वर्ष 2019 में भी बर्क ने लोक सभा में वंदेमातरम का विरोध किया। जबकि 1997 में संसद के 50 साल पूरे होने वाले स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रीय गीत का बहिष्कार कर चुके हैं। बर्क तर्क देते हैं कि वंदेमातरम् का मतलब भारत माता की पूजा या वंदना है, जो इनके धर्म में नाजायज है।

डॉ.एसटी हसन बोले- अगर शादी देर से होगी तो बच्चे पैदा नहीं होंगे
दलड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल किए जाने के कैबिनेट के फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद ने भी संभल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के सुर में सुर मिलाते हुए विवादित बयान दिया है। सपा सांसद डा. एसटी हसन ने कहा है कि लड़कियों की अगर शादी लेट होगी तो औलाद पैदा नहीं होगी। देर शादी से प्रजनन संबंधी समस्या पैदा होगी। सपा सांसद ने कहा है कि वयस्क होते ही लड़कियों की शादी कर देना चाहिए। क्योंकि लड़कियों की शादी में देरी से आवारागर्दी और क्राइम दोनों बढ़ते हैं। सांसद ने लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से घटाकर 16 साल करने की मांग की है। सांसद ने अपने बयान में कहा है कि लड़कियां जब 16-17 साल की होती हैं तो उनके लिए शादी के अच्छे रिश्ते आते हैं। इसके बाद अच्छे रिश्ते नहीं आते। यदि सरकार लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल कर देगी तो फिर उन्हें अच्छे रिश्ते नहीं मिलेंगे। अच्छे रिश्तों के लिए और भी इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि लकड़ियों की शादी 16 साल की उम्र में कर देनी चाहिए।