कृषि कानूनों पर प्रदर्शन में किसानों की बदसलूकी, भाजपा नेता के कपड़े फाड़े

कृषि कानूनों पर प्रदर्शन में किसानों की बदसलूकी, भाजपा नेता के कपड़े फाड़े

श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर के जिला कलेक्ट्रेट पर आज दोपहर आमने सामने धरना लगाए हुए भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों में टकराव हो गया। किसानों ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल से धक्का-मुक्की करके उनके कपड़े फाड़ दिए। इस पर भाजपा ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया। किसान विरोध जताते हुए भाजपा के …

श्रीगंगानगर। राजस्थान में श्रीगंगानगर के जिला कलेक्ट्रेट पर आज दोपहर आमने सामने धरना लगाए हुए भाजपा कार्यकर्ताओं और किसानों में टकराव हो गया। किसानों ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल से धक्का-मुक्की करके उनके कपड़े फाड़ दिए। इस पर भाजपा ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया।

किसान विरोध जताते हुए भाजपा के धरना स्थल की तरफ बढ़े तो पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसमें किसानों के साथ-साथ कई लोग चोटिल हो गए। कुछ पुलिस वालों के भी मामूली चोटें आईं। दोपहर एक बजे से तीन बजे तक जिला कलेक्ट्रेट और इसके आसपास के इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा।

दरअसल भाजपा ने राज्य सरकार पर श्रीगंगानगर जिले के किसानों को पूरी मात्रा में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं करवाने, डीजल-पेट्रोल तथा बिजली की दरों में कमी लाने के लिए करों में कटौती नहीं करने सहित किसानों से जुड़े कई मुद्दों को लेकर अपने जन जागरण अभियान के तहत जिला कलेक्ट्रेट पर धरने की घोषणा की थी।

दूसरी तरफ तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी गठित संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल श्रीगंगानगर जिले के आधा दर्जन किसान संगठनों ने इसे भाजपा की नौटंकी करार देते हुए विरोध जताने का आह्वान किया था। दोनों पक्षों में टकराव नहीं हो जाए, इसके मद्देनजर प्रशासन ने माकूल बंदोबस्त किए थे। भाजपा को जिला कलेक्ट्रेट के ट्रेजरी वाले गेट पर धरना लगाने के लिए जगह दी गई थी। यहां पर बड़ा शामियाना लगाया गया।

महाराजा गंगासिंह चौक से रेलवे स्टेशन को जाने वाले मार्ग पर नगर परिषद व जिला परिषद के बीच किसान के धरने के लिए जगह निर्धारित की गई। दोनों जगह में करीब 300 मीटर का फासला था। इस फासले में भी चार जगह बैरिकड लगाई गए। टकराव तथा अप्रिय स्थिति को टालने के लिए 700 पुलिसकर्मियों, कई थाना प्रभारियों, पुलिस उप अधीक्षकों, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों, आरएसी और क्यूआरटी के कमांडो को तैनात किया गया।

टकराव की नौबत दोपहर 1:30 बजे आई जब भाजपा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल पुरानी आबादी थाना एवं मल्टीपरपज स्कूल से आगे से होते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समीप पहुंचे। वहां वाहन खड़ा करके चार पांच कार्यकर्ताओं के साथ मारा गंगासिंह चौक की तरफ चल पड़े। उनको गंगासिंह चौक में देखकर सामने ही बैठे किसान उद्वेलित हो गए। एकाएक किसान बैरीकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़े और कैलाश मेघवाल को पकड़ लिया। बचने के लिए श्री मेघवाल भाजपा धरना स्थल की तरफ भागे, लेकिन किसानों ने पकड़ कर कपड़े फाड़ दिए।

उनके साथ धक्का-मुक्की की। इससे सामने धरने पर बैठे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। उन्होंने किसानों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जवाब में किसानों ने भी जमकर नारेबाजी की। दोनों तरफ से लोग आगे बढ़ने लगे तो पुलिस बल को काफी मशक्कत करनी पड़ी। किसानों में इतना आक्रोश था कि उन्होंने बैरीकेडिंग उखाड़ दी, लेकिन पुलिस बल ने उनको आगे नहीं बढ़ने दिया। इस पर किसान वापिस पीछे की तरफ आए स्टेशन रोड से कोतवाली की तरफ मुड़ गए। इस मोड़ पर की हुई बैरिकेडिंग को किसानों ने ट्रैक्टर से उखाड़ दिया।

पुलिस बल को धकेलते हुए किसान कोतवाली के आगे से होकर पेट्रोल पंप के पास से मुड़कर जेल चौराहे की तरफ बढ़ने लगे। तब पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, क्योंकि जेल चौराहे पर भाजपाइयों का धरना चल रहा था। लाठी चार्ज से भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग चोटिल हो गए। मौके पर मौजूद कार्यपालक मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को स्थिति नियंत्रण में लाने में करीब आधा घंटा लगा। इस घटनाक्रम के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया।

किसानों ने कोतवाली के नजदीक पेट्रोल पंप चौराहे पर आम सभा की जिसमें माकपा के पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष पृथ्वीपालसिंह संधू भाजपा नेता एवं गंग नहर परियोजना के पूर्व चेयरमैन गुरबलपालसिंह संधू, अखिल भारतीय किसान सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्योपतराम मेघवाल सहित कई किसान नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह किसानों के नाम पर सिर्फ नौटंकी कर रही है।

तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धरने प्रदर्शन करने में लगी है। पिछले पांच वर्षों में भाजपा ने कभी भी इस इलाके में नहरी पानी की कमी की समस्या को नहीं उठाया। आज हुई झड़प को लेकर भी किसान नेताओं ने भाजपा पर ही उकसाने का आरोप लगाया।

दूसरी तरफ भाजपा के धरना स्थल पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष डॉ राजेंद्र सिंह राठौड़, सांसद निहालचंद मेघवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बीकानेर संभाग प्रभारी माधोराम चौधरी, नोखा बीकानेर विधायक एवं जिला भाजपा प्रभारी बिहारीलाल बिश्नोई प्रदेश मंत्री विजेंद्र पूनिया, विधायक संतोष बावरी, बलबीर लूथरा, रामप्रताप कासनिया, पूर्व मंत्री सुरेंद्रपालसिंह टीटी, पूर्व विधायक अशोक नागपाल,शिमला बावरी, लालचंद मेघवाल, जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमती चेष्टा सरदाना, युवा नेता गुरवीरसिंह बराड़, भाजपा के स्थानीय निकायों में अध्यक्ष राजेंद्र लेघा, मनीष कौशल, कांता कीचड़ और प्रियंका बैलाण, जुगल डूमरा आदि ने जिला प्रशासन पर आज माकूल बंदोबस्त नहीं किए जाने को लेकर आक्रोश व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में कुछ असामाजिक तत्व सक्रिय हैं, जो इस तरह की हिंसक झड़पों पर उतारू हो जाते हैं। भाजपा नेताओं ने धरना स्थल पर हुई सभा में झड़प होने से पहले बिजली-पानी,पेट्रोल-डीजल की कीमतों आदि के मुद्दों को लेकर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर अनेक आक्षेप लगाए। झड़प के पश्चात भाजपा के इन नेताओं का शिष्टमंडल जिला कलेक्टर से मिला। उन को ज्ञापन देकर आज के घटनाक्रम के दोषों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की। इस संबंध में कोतवाली में देर रात मुकदमा दर्ज होने की संभावना है।

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