स्मृति शेष: चित्रकूट से विशेष लगाव था नेताजी को …निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने साझा की मुलायम सिंह यादव से जुड़ी कई यादें

स्मृति शेष: चित्रकूट से विशेष लगाव था नेताजी को …निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने साझा की मुलायम सिंह यादव से जुड़ी कई यादें

चित्रकूट। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन जिले में भी लोगों को झकझोर गया है। उनका समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय राज बहादुर सिंह यादव से काफी लगाव था। उनके पुत्र निवर्तमान जिलाध्यक्ष अनुज सिंह यादव ने कई यादें साझा कीं। अनुज ने …

चित्रकूट। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन जिले में भी लोगों को झकझोर गया है। उनका समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष स्वर्गीय राज बहादुर सिंह यादव से काफी लगाव था। उनके पुत्र निवर्तमान जिलाध्यक्ष अनुज सिंह यादव ने कई यादें साझा कीं। अनुज ने बताया कि उनके पिता समाजवादी पार्टी के संस्थापक जिलाध्यक्ष थे। ऐसे में नेताजी का उन पर बहुत स्नेह था।

अनुज याद करते हैं कि जब उनके पिताजी का असामयिक निधन हुआ तो तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनको जिलाध्यक्ष मनोनीत कर दिया था, जबकि तब उनको राजनीति का ककहरा भी नहीं आता था। इसके पीछे अखिलेश के साथ साथ नेताजी की भी इच्छा थी कि पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए स्वर्गीय राजबहादुर के पुत्र को एक बार जिम्मेदारी देनी चाहिए। अनुज कहते हैं कि उनको इस बात का संतोष है कि वह नेताजी और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष की उम्मीदों पर ठीक उतरे। उनको भी नेताजी का स्नेह मिलता रहा।

अनुज बताते हैं कि चित्रकूट जिले से भी नेताजी को प्यार था। मुख्यमंत्री रहते हुए वह रामायण मेले में भी आए थे। उन्होंने दावा किया कि हवाई पट्टी,यमुना नदी पर पुल, सौ बेड का जिला अस्पताल नेताजी की ही देन हैं। बताया कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने 6मई 97 को जिला बनाया तो इसका नाम छत्रपति शाहूजी महाराज नगर रख दिया था। इसके विरोध में उनके पिता ने चित्रकूट नाम बचाओ क्रमिक अनशन और प्रदर्शन किया था। तब नेताजी चुनाव प्रचार के लिए आए थे तो सीआईसी में उन्होंने आश्वासन दिया था कि अगर सपा की सरकार बनी तो वह जिले के साथ मंडल का भी नाम चित्रकूट कर देंगे। हालांकि सरकार बीजेपी की बनी । पर जिले का नाम चित्रकूट कर दिया गया।

जब आरके कराने लगे परिचय
अनुज बताते हैं कि पिताजी के प्रति नेताजी का स्नेह कितना था, इसका पता एक घटना से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 2010 में जब आरके पटेल सपा से सांसद थे तो संसद की कार्यवाही के बाद वह उनके पिता जी को लेकर दिल्ली में नेताजी के आवास पर पहुंचे थे। जैसे ही आरके पटेल ने उनके पिता का परिचय कराना शुरू किया, नेताजी ने टोंक दिया, अरे इनका परिचय न कराओ। ये तो हमारे दुर्दिनों के साथी हैं।

राजबहादुर को दिया था टिकट
शायद कम लोग जानते होंगे कि राजबहादुर ने एक बार चुनाव भी लड़ा था। अनुज ने बताया कि मुलायम सिंह यादव उनके पिता को सक्रिय राजनीति में लाना चाहते थे। उन्होंने 1991में तत्कालीन समाजवादी जनता पार्टी से विधानसभा का टिकट भी दिया था पर वह जीत नहीं पाए।

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