महाराष्ट्र सरकार बारिश प्रभावित किसानों को सहायता मुहैया करवाए: अजित पवार

महाराष्ट्र सरकार बारिश प्रभावित किसानों को सहायता मुहैया करवाए: अजित पवार

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से मराठवाड़ा और विदर्भ के उन किसानों को तत्काल सहायता मुहैया कराने की मांग की जिनकी ज़मीन को भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ है। पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में जुलाई के मध्य में भारी बारिश …

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से मराठवाड़ा और विदर्भ के उन किसानों को तत्काल सहायता मुहैया कराने की मांग की जिनकी ज़मीन को भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ है। पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में जुलाई के मध्य में भारी बारिश के कारण मिट्टी की उपजाऊ परत बह गई है। राकांपा नेता ने कहा, कई किसान उपजाऊ परत के नुकसान के कारण अगले कुछ दिनों तक अपनी ज़मीन नहीं जोत पाएंगे। राज्य को ऐसे किसानों के लिए कुछ प्रावधान करने चाहिए।

उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा और विदर्भ में सोयाबीन और कपास जैसी फसलें नष्ट हो गईं और किसानों का लगभग सब कुछ बर्बाद हो गया। पवार ने कहा, अगर किसानों को अगले दौर की बुवाई करनी है तो राज्य को ऐसे बीज उपलब्ध करवाने चाहिए जो उगने में कम समय लेते हों। इस तरह के उपायों से किसानों की परेशानी कम हो सकती है। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, बारिश ने सहायक बुनियादी ढांचे जैसे सिंचाई सामग्री, कुओं, बिजली के ट्रांसफार्मर, प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली सड़कों और यहां तक ​​कि मवेशियों को भी नुकसान पहुंचाया है। राज्य को कुछ नियमों को बदलने और पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया करवाने की आवश्यकता है।

इस बीच, पवार ने रात 10 बजे के बाद भाषणों पर प्रतिबंध लगाने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले औरंगाबाद के अपने दौरे के दौरान शिंदे ने रात 10 बजे के बाद क्रांति चौक में भाषण दिया था। उन्होंने कहा, शिंदे मुख्यमंत्री हैं और उन्हें अपने समर्थकों पर नियंत्रण रखना चाहिए। वह रात 10 बजे के बाद भाषण कैसे दे सकते हैं, जबकि उच्चतम न्यायालय का फैसला देर रात भाषण देने के खिलाफ है। उन्होंने कहा, अगर मुख्यमंत्री ऐसे नियमों की अनदेखी करते हैं तो एक स्थानीय पुलिस अधिकारी क्या करेगा।

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