लखनऊ : अपना हक पाने की जिद में जदोजहद कर रहे होमगार्ड्स जवान….जानें पूरा मामला

लखनऊ : अपना हक पाने की जिद में जदोजहद कर रहे होमगार्ड्स जवान….जानें पूरा मामला

अमृत विचार, लखनऊ। तुम्हारी फाइलों में गांव के मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे दावे किताबी है…उर्दू जुबां के मशहूर शायर अदम गोंडवी की नज्म उस सरकारी तंत्र पर सीधा प्रहार करती है। जिनके रिकॉर्ड फाइलों में बेहतर बताए जाते हैं लेकिन इसकी सच्चाई धरातल से कोसों दूर हैं। प्रदेश का एक महत्वपूर्ण विभाग …

अमृत विचार, लखनऊ। तुम्हारी फाइलों में गांव के मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे दावे किताबी है…उर्दू जुबां के मशहूर शायर अदम गोंडवी की नज्म उस सरकारी तंत्र पर सीधा प्रहार करती है। जिनके रिकॉर्ड फाइलों में बेहतर बताए जाते हैं लेकिन इसकी सच्चाई धरातल से कोसों दूर हैं।

प्रदेश का एक महत्वपूर्ण विभाग जो अपराध नियंत्रण की बागडोर संभालने के साथ अपना हक पाने के लिए संघर्षरत है। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश होम गार्ड्स विभाग की। जिनकी लाठी पुलिस का सहारा है। आज यह लाठी धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही है। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि उप्र होमगार्ड्स अवैतनिक अधिकारी व कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश द्विवेदी का कहना है।

उन्होंने बताया कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने होमगार्ड जवानों के पक्ष में फैसला करते हुए पे-ग्रेड, वॉशिंग अलाउंस और महंगाई भत्ता देने का आदेश दिया था लेकिन तीन बरस होने को आए हैं। होमगार्ड्स जवानों को सिर्फ मूल वेतन पर ही संतोष करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस बारे में एसोसिएशन ने कई बार आवाज बुलंद की।

हर बार विभाग ने बजट का अभाव दिखाते हुए होमगार्ड्स को अन्य सेवाओं को देने का आश्वासन थमा दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 1,34800 लाख होमगार्ड्स की संख्या निर्धारित है। जिनमें लगभग 84000 होमगार्ड्स जवान कार्यरत है। वहीं राजधानी लखनऊ में 42 कंपनियां तैनात है। एक कंपनी में 100 जवान की भर्ती की जाती है। इस तरह से राजधानी में 4200 होमगार्ड्स कायर्रत हैं।

जिनकी ड्यूटी थानों के अलावा, वीवीआई सुरक्षा, गेस्टहाउस, ट्रैफिक नियंत्रण आदि में लगाई जाती है। जिसके बावजूद उनकी ड्यूटी 365 दिन की नहीं लगाई जाती। जिसकी कहीं न कहीं असर होमगार्ड्स के मूल वेतन पर भी पड़ता है। वहीं उप्र होमगार्ड् विभाग जवानों की भर्ती की कवायद में जुटा हुआ है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश द्विवेदी का कहना है कि विभाग सबसे पहले होमगार्ड्स की ड‌्यूटी को निर्धारित करे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को पूरा करे। अगर विभाग होमगार्ड्स के हित में फैसला नहीं करता है। तब उनका एसोसिएशन प्रदेशस्तर पर आंदोलन करेगा। इस सम्बन्ध में डीआईजी होमगार्ड्स विवेक कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने अपना पलड़ा झाड़ते हुए डीजी होमगार्ड्स केसी गौतम से सम्पर्क करने का मशवरा दिया।

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