LIC Foundation Day: ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ LIC की टैगलाइन जो बन गई पहचान

नई दिल्ली। कैलेंडर का पन्ना पलट गया है, महीना बदल गया है, तारीख बदल गई है और दिन भी बदल गया है। आज सितंबर की पहली तारीख है। ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ की असरदार टैगलाइन के साथ देश के लाखों लोगों को बीमा की सेवाएं देने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम …

नई दिल्ली। कैलेंडर का पन्ना पलट गया है, महीना बदल गया है, तारीख बदल गई है और दिन भी बदल गया है। आज सितंबर की पहली तारीख है। ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ की असरदार टैगलाइन के साथ देश के लाखों लोगों को बीमा की सेवाएं देने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC Foundation Day) की स्थापना आजादी के नौ साल बाद एक सितंबर 1956 के दिन ही की गई थी। यह दिन एक और कारण से भी इतिहास में दर्ज है। आज जानेंगे कि 1 सितंबर से इतिहास की कौन-कौन सी घटनाएं जुड़ी हुईं हैं।

भारतीय जीवन बीमा निगम का स्थापना दिवस

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) एक ऐसा नाम जिससे देश का लगभग हर घर परिचित होगा और प्राय हर घर में किसी न किसी ने इसकी पॉलिसी करा रखी होगी

01 सितंबर के दिन हुईं कुछ अन्य ऐतिहासिक घटनाएं

1858 : ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों की अंतिम बैठक लंदन के ईस्ट इंडिया हाउस में 1 सितंबर को ही आयोजित हुई थी।

1878 : एम्मा एम नट्ट अमेरिका में पहली महिला टेलीफोन ऑपरेटर बनी थीं।

1909 : प्रसिद्ध साहित्यकार और शब्दकोश तैयार करने वाले फ़ादर कामिल बुल्के का जन्म।

1923 : ग्रेट कैंटो भूकंप ने जापान के तोक्यो और योकोहामा शहरों में भारी तबाही मचाई थी।

1942 : रास बिहारी बोस ने इंडियन नेशनल आर्मी की स्थापना की।

1947 : भारतीय मानक समय की शुरूआत 1 सितंबर को ही की गई।

1964 : इंडियन ऑयल रिफ़ाइनरी और इंडियन ऑयल कम्पनी को विलय करके इंडियन ऑयल कॉपरेशन बनाई गई।

2000 : चीन ने तिब्बत होते हुए नेपाल जाने वाले अपने एकमात्र रास्ते को बंद किया।

2018 : जकार्ता एशियाई खेलों में मुक्केबाज अमित पांघल ने 49 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले ओवरआल आठवें भारतीय मुक्केबाज बने।

2018 : प्रणब बर्धन और शिबनाथ सरकार ने जकार्ता एशियाई खेलों की पुरूषों की ब्रिज प्रतियोगिता की युगल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।

2020 : भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का दिल्ली में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार 1 सितंबर को ही किया गया था। 31 अगस्त को उनकी मौत हुई थी।

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