यहां जानिए महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से जुड़ा हर क‍िस्‍सा, बेहद दिलचस्प है सियासी सफर

यहां जानिए महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से जुड़ा हर क‍िस्‍सा, बेहद दिलचस्प है सियासी सफर

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस व बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। इससे पहले शिंदे ने अपने साथ 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक संकट …

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस व बागी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। इससे पहले शिंदे ने अपने साथ 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक संकट के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद बताया कि शिंदे आज (गुरुवार) शाम 7:30 बजे राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। फडणवीस ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन पर कहा, शिवसेना ने ऐसा गठबंधन किया था जो हिंदुत्व व सावरकर के खिलाफ था।

एकनाथ शिंदे कभी श‍िवसेना के स्तंभ माने जाते थे। लेक‍िन उद्धव ठाकरे के एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने और बेटे आद‍ित्‍य ठाकरे को अध‍िक तवज्‍जो देने के चलते श‍िंदे नाराज थे। उनके साथ श‍िवसेना के बाकी व‍िधायक भी ठाकरे से नाराज हुए और अब अलग होकर नई सरकार बनाने जा रहे हैं।

महाराष्ट्र के मनोनीत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना के 40 विधायक और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर 50 विधायक आज एक साथ हैं। हम लोग हमारे शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे जी की हिंदुत्व की जो भूमिका है उसको आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने जो कदम उठाया है वो किसी ने कुछ पाने के लिए नहीं किया है। यह सब एक विचार, बालासाहेब ठाकरे जी का हिंदुत्व और राज्य के विकास की बात है इसलिए हम यह एजेंडा लेकर आगे जा रहे थे।

भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने मांग की कि हम कांग्रेस और एनसीपी के साथ नहीं रह सकते और ये गठबंधन खत्म किया जाए लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं हुई इसलिए इन विधायकों ने अपनी आवाज बुलंद की।

कौन हैं एकनाथ श‍िंदे?

महाराष्ट्र की राजनीति में आए भूचाल के बीच अगर किसी एक शख्स का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है तो एकनाथ शिंदे का। 2019 में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी उनके नाम की काफी चर्चा हुई थी। शिवसेना विधायक दल की बैठक में आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और वह विधायक दल के नेता भी चुन लिए गए।

मगर बाद में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, शिंदे उद्धव सरकार में शहरी विकास मंत्री बने। 58 साल के एकनाथ शिंदे सातारा के हैं। वह पढ़ाई के लिए ठाणे आए। यहां शुरू में वह ऑटो रिक्शा चलाते थे। उसी दौरान एक बार उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई। यह मुलाकात शिंदे के जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई और महज 18 साल की उम्र में शिंदे का राजनीतिक जीवन शुरू हो गया।

पार्षद चुनाव लड़ने का मौका मिला

एकनाथ श‍िंदे शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे। 1997 में शिंदे को ठाणे नगर निगम चुनाव में बतौर पार्षद चुनाव लड़ने का मौका मिला। यह उनका पहला चुनाव था और वह जीत कर पार्षद बन गए।

फिर 2001 में वह नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। जब वह पार्षद थे, तब एक एक्सिडेंट में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे और सात साल की बेटी को खो दिया। उनके दूसरे बेटे श्रीकांत उस वक्त 13 साल के थे। श्रीकांत अभी शिवसेना सांसद हैं।

राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे

जब साल 2005 में नारायण राणे ने शिवसेना छोड़ी, तो शिंदे के लिए पार्टी में आगे बढ़ने का अच्छा मौका बना। फिर जब राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई, उसके बाद ठाकरे परिवार से शिंदे की करीबी बढ़ने लगी।

शिंदे ने शिवसेना के टिकट पर 2004 का विधानसभा चुनाव ठाणे सीट से लड़ा। इस चुनाव में शिंदे को जीत मिली। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 के चुनावों में भी शिंदे ने जीत दर्ज की। वह देवेंद्र फडणवीस की सरकार में राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे।

18 आपराधिक मामले दर्ज

2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे ने जो हलफनामा दिया था उसके अनुसार उनके ऊपर कुल 18 आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानून तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं।

इस हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से ज्यादा की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।

छह कारें और एक टैम्पो भी है शिंदे के पास

चुनावी हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल छह कारें हैं। इनमें से तीन शिंदे के नाम और तीन उनकी पत्नी के नाम पर हैं। शिंदे की पत्नी के नाम पर एक टैम्पो भी है। शिंदे की छह कार के जखीरे में दो इनोवा, दो स्कॉर्पियो, एक बोलेरो और एक महिंद्र अर्मडा है। शिंदे के पास एक पिस्टल और एक रिवॉल्वर भी है।

कॉन्ट्रैक्टर हैं शिंदे और उनकी पत्नी

चुनावी हलफनामे में शिंदे ने खुद को कॉन्ट्रैक्टर और बिजनेसमैन बताया है। उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी, घरों से आने वाले किराये और इंटरेस्ट से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है।

लगे थे भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिंदे मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे थे। चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में खुद आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और वह शिवसेना विधायक दल के नेता चुने गए। इसके बाद तो उनके समर्थकों ने तो ठाणे में भावी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पोस्टर तक लगा दिए थे।

हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में उद्धव ठाकरे का नाम आगे आया। इसके बाद शिंदे बैकफुट पर आ गए। उद्धव सरकार में शिंदे राज्य के शहरी विकास मंत्री होने के साथ ठाणे जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। कहा जाता है कि शिंदे कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन से खुश नहीं थे। इसके बाद उनके और उद्धव ठाकरे के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। फरवरी 2022 में एकनाथ शिंदे के जन्मदिन पर भी उनके समर्थकों ने भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए थे।

हादसे में दो बच्चों को खोया था

बात उस वक्त की है जब शिंदे पार्षद हुआ करते थे। इस दौरान उनका परिवार सतारा गया हुआ था। यहां एक हादसे में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा को खो दिया था। बोटिंग करते हुए एक्सीडेंट हुआ और शिंदे के दोनों बच्चे उनकी आंखो के सामने डूब गए थे।

उस वक्त शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत सिर्फ 13 साल के थे। श्रीकांत इस वक्त कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद हैं। इस घटना के बाद शिंदे काफी टूट गए थे। उन्होंने राजनीति तक से किनारा कर लिया था। इस दौर में भी आनंद दिघे ने उन्हें संबल दिया और सार्वजनिक जीवन में फिर से लेकर आए।

 

ये भी पढ़ें : जानिए कौन हैं विवेक फानसलकर ? जिन्हें उद्धव ठाकरे बना गए मुंबई पुलिस का कमिश्नर