10वीं की परीक्षा पास कर खुद को ही दी बधाई, लगवाए पोस्टर, फिर शिक्षा मंत्री भी हुए खुश

10वीं की परीक्षा पास कर खुद को ही दी बधाई, लगवाए पोस्टर, फिर शिक्षा मंत्री भी हुए खुश

तिरुवनन्तपुरम। केरल में जिष्णु उर्फ कुंजक्कू नामक एक छात्र ने 10वीं की परीक्षा पास करने पर खुद को बधाई देने वाला एक पोस्टर लगवाया। जिसमें लिखा है, इतिहास कुछ लोगों के लिए रास्ता बनाता है और कहानी अब शुरू होती है। केरल के शिक्षा मंत्री ने वी. सिवानकुट्टी ने इस कदम की तारीफ की और …

तिरुवनन्तपुरम। केरल में जिष्णु उर्फ कुंजक्कू नामक एक छात्र ने 10वीं की परीक्षा पास करने पर खुद को बधाई देने वाला एक पोस्टर लगवाया। जिसमें लिखा है, इतिहास कुछ लोगों के लिए रास्ता बनाता है और कहानी अब शुरू होती है। केरल के शिक्षा मंत्री ने वी. सिवानकुट्टी ने इस कदम की तारीफ की और यह पोस्टर भी शेयर किया।

जाहिर है हर व्यक्ति सफलता को अलग नजरिए से देखता है। केरल के एक 10वीं कक्षा के छात्र के लिए परीक्षा में उत्तीर्ण होना ही सफलता की ओर बढ़ने के एक बड़े कदम जैसा था।
शायद इसलिए 10वीं के बोर्ड की परीक्षाओं में पास होते ही उसने अपने घर के बाहर एक पोस्टर (फ्लेक्स बोर्ड) लगाकर खुद को बधाई दी है। फ्लेक्स बोर्ड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और उसे देखकर केरल के शिक्षा मंत्री भी खुश हुए।

केरल के पत्तनंतिट्टा का निवासी जिष्णु उर्फ ​​कुंजक्कू ने इसलिए फ्लैक्स बोर्ड लगाया ताकि उसके दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी और बाकी सभी उसकी उपलब्धि पर ध्यान दें।
जिष्णु के फ्लेक्स बोर्ड पर लिखा है, ‘इतिहास कुछ लोगों के लिए रास्ता बनाता है, मैं 2022 SSLC परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए खुद को बधाई देता हूं और कहानी अब शुरू होती है। कुंजाक्कू संस्करण 3.0’ इस मैसेज के साथ फ्लेक्स बोर्ड पर जिष्णु की सनग्लास पहने हुए एक तस्वीर भी है।

फ्लेक्स बोर्ड की तस्वीरें देखकर केरल के शिक्षा मंत्री वी सिवाकुट्टी ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट साझा किया, जिसमें लिखा, कुंजक्कू ने फ्लेक्स में खुद कहा है कि इतिहास कुछ लोगों के लिए रास्ता बनाता है, मेरी इच्छा है कि ऐसा हो। कुंजक्कू को जीवन की परीक्षा में भी बड़ी सफलता मिले। जिष्णु ने बताया कि उसके दोस्तों ने फ्लेक्स बोर्ड लगाने में उसकी मदद की और वह 11वीं में उत्तीर्ण होकर भी पोस्टर लगाएगा।

जिष्णु के लिए 10वीं बोर्ड पास करने का सफर कठिन रहा क्योंकि उसके पास पढ़ाई के पर्याप्त साधन नहीं थे। उसके माता-पिता दिहाड़ी-मजदूर हैं और एक हफ्ते पहले तक उनके घर में बिजली भी नहीं थी, जिस कारण जिष्णु और उसकी बहन मिट्टी के तेल के दीये की रोशनी में पढ़ाई करते थे। जिष्णु ने बताया कि उसके दोस्त और परिवार उसका मजाक उड़ाकर कहते थे कि वह फेल हो जाएगा, इसलिए उसने अपनी उपलब्धि का फ्लेक्स बोर्ड लगाया।

 

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