जौनपुर: गैंगस्टर एक्ट में आरोपी दो सगे भाइयों को सुनाई गई दस साल की सजा

जौनपुर: गैंगस्टर एक्ट में आरोपी दो सगे भाइयों को सुनाई गई दस साल की सजा

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले में सिकरारा थाना क्षेत्र में मासूम बच्चे के अपहरण व हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपित दो सगे भाइयों को स्थानीय अदालत ने दस साल के कारावास की सजा सुनायी है। जौनपुर के अपर सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) अशोक कुमार यादव की अदालत ने आरोपी हरिश्चंद्र …

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले में सिकरारा थाना क्षेत्र में मासूम बच्चे के अपहरण व हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपित दो सगे भाइयों को स्थानीय अदालत ने दस साल के कारावास की सजा सुनायी है। जौनपुर के अपर सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) अशोक कुमार यादव की अदालत ने आरोपी हरिश्चंद्र उर्फ पिंटू तथा सुभाष उर्फ डब्लू को दस वर्ष कारावास एवं 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। मासूम बच्चे के अपहरण व हत्या के आरोप में दोनों भाईयों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत मुकदमा चलाया गया था।

अभियोजन के अनुसार 25 जनवरी 2012 को थानाध्यक्ष सिकरारा राजकुमार सिंह हमराहियों के साथ क्षेत्र में मौजूद थे। अभिलेखों से पता चाल कि हरिश्चंद्र निवासी सिउरा सिकरारा का सुसंगठित आपराधिक गिरोह है। इस गिरोह के सक्रिय सदस्य हरिश्चंद्र का भाई सुभाष है।
इसका गैंग लीडर हरिश्चंद्र है। दाेनों भाई समाज विरोधी क्रियाकलाप में अभ्यस्त हैं, इससे आम जनता में भय एवं आतंक का माहौल व्याप्त है। इनके खिलाफ कोई पुलिस को सूचना देने का साहस नहीं करता।

दो अप्रैल 2011 को प्रतिमा मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज कराई कि भूमि विवाद को लेकर गांव के हरिश्चंद्र व सुभाष उसके सात वर्षीय पुत्र प्रियांशु का स्कूल जाते समय अपहरण कर ले गए। बच्चे के शव की बरामदगी एक कुएं से हुई। इस मामले में आरोपियों को दोषी ठहराते हुए अदालत उम्रकैद की सजा पहले ही सुना चुकी थी। इस फैसले के खिलाफ दोनों की अपील उच्च अदालत में विचाराधीन है। आरोपितों की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गैंगस्टर ऐक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई।

पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। सरकारी अधिवक्ता राम प्रकाश सिंह व हरिश्चंद्र सिंह ने गवाहों को पेश किया। जिरह के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू बनाम पंजाब राज्य में सुप्रीम कोर्ट की विधि व्यवस्था का हवाला दिया गया। जिसमें व्यवस्था दी गयी थी कि दोषसिद्धि पर स्थगन न प्रदान होने की दशा में आरोपित को दोषी माना जायेगा। कोर्ट ने समस्त साक्ष्यों का परीक्षण करने के बाद आरोपित हरिश्चंद्र व सुभाष को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाते हुए दंडित किया है।

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