हल्द्वानी: डॉ. इंदिरा हृदयेश के कार्यकाल में एक हजार करोड़ से चमचमाई थी हल्द्वानी की सड़कें, पढ़िए पूरी खबर…

हल्द्वानी: डॉ. इंदिरा हृदयेश के कार्यकाल में एक हजार करोड़ से चमचमाई थी हल्द्वानी की सड़कें, पढ़िए पूरी खबर…

गौरव पांडेय, हल्द्वानी। वर्ष 2002 से लेकर 2007 तक बतौर लोनिवि मंत्री डॉ इंदिरा ह्रदयेश ने अपनी विधानसभा हल्द्वानी के मुख्य शहर से लेकर गांवों तक सड़कों का जाल बिछा दिया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने विधानसभा में एक हजार करोड़ लागत से सड़कों का निर्माण कराया था। उनके कार्यकाल में हल्द्वानी की सड़कें चमचमाती …

गौरव पांडेय, हल्द्वानी। वर्ष 2002 से लेकर 2007 तक बतौर लोनिवि मंत्री डॉ इंदिरा ह्रदयेश ने अपनी विधानसभा हल्द्वानी के मुख्य शहर से लेकर गांवों तक सड़कों का जाल बिछा दिया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने विधानसभा में एक हजार करोड़ लागत से सड़कों का निर्माण कराया था। उनके कार्यकाल में हल्द्वानी की सड़कें चमचमाती थी।

जनता की सर्वाधिक मूलभूत सुविधा यानी सड़कों का जाल बिछाना डॉ. इंदिरा ह्रदयेश की अपनी विधानसभा हल्द्वानी में सबसे बड़ी देन रही। राज्य गठन के बाद पहली निर्वाचित सरकार में मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने डॉ इंदिरा ह्रदयेश को लोक निर्माण जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया था। उस समय नवोदित राज्य में सड़कों का जाल बिछाना और जन अपेक्षाएं पूरी करना बड़ी चुनौती था। पर्वतीय और जरुरतमंद राज्य होने के चलते लोक निर्माण विभाग की बड़ी अहमियत थी। उनके इस कार्यकाल और लोनिवि मंत्री होने का हल्द्वानी विधानसभा को बड़ा लाभ मिला।

उन्होंने हल्द्वानी शहर से लेकर गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछा दिया था। उन दिनों हल्द्वानी और इसके आसपास की सड़कें चमचमाती थी। विधानसभा की लाखों की आबादी को इसका सीधा लाभ मिला। लेकिन इसके बाद से सड़कों का कोई सुधलेवा नहीं रहा। उनके कार्यकाल में बनी तमाम सड़कों की हालत वर्तमान में काफी खराब है।

सड़कों का जाल बिछाने पर विरोधी लेते थे चुटकी
अपनी विधानसभा में सड़कों का जाल बिछाने और करोड़ों खर्च को लेकर वह विरोधियों के निशाने पर भी रहीं। बतौर लोनिवि मंत्री अपनी विधानसभा में खास नजर-ए-इनायत पर उनके विरोधी अक्सर राजनीतिक कार्यक्रम और इसके इतर भी उनपर चुटकी लेते थे। विरोधी कहते थे कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग का काफी धन अपनी विधानसभा में खर्च किया। जबकि समर्थक हल्द्वानी विधानसभा में सड़कों के जाल बिछने और पांच साल तक सड़कों के चमचमाने को बड़ी उपलब्धि करार देते थे।

महज इंदिरा के पास ही रहा लोनिवि, इसके बाद सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने पास रखा
उत्तराखंड की निर्वाचित सरकारों में महज डॉ इंदिरा ह्रदयेश के पास ही लोक निर्माण विभाग रहा। इसके बाद से लेकर वर्तमान तक सात मुख्यमंत्रियों ने मंत्रियों को बंटवारे के दौरान यह विभाग अपने पास ही रखा। इस सूची में पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी, डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, हरीश रावत, त्रिवेंद्र सिंह रावत से लेकर वर्तमान सीएम तीरथ सिंह रावत का नाम जुड़ा है। वर्ष 2007 तक एनडी तिवारी सरकार के बाद किसी भी मुख्यमंत्री ने यह विभाग अपने किसी मंत्री को नहीं दिया।