छत्तीसगढ़: सीआईएसएफ की परीक्षा में धोखाधड़ी, दो आरोपी गिरफ्तार
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले के छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों …
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले के छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दुर्ग जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सीआईएसएफ अधिकारियों की शिकायत पर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के निवासी सत्यपाल सिंह (24) और नत्थीलाल (20) को गिरफ्तार कर लिया है।
दोनों आरोपियों को बुधवार को दुर्ग लाया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की 18 तारीख को सीआईएसएफ के निरीक्षक लोकेश कुमार कुर्रे ने जिले के उतई थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि सीआईएसएफ की ‘आरक्षक जीडी 2021’ की परीक्षा के दौरान असली अभ्यर्थियों के स्थान पर अन्य लोगों ने परीक्षा दी और बाद में अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच में फिंगर प्रिंट तथा फोटो में असमानता पाई गयीं।
उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ के अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब आरोपियों से पूछताछ की गई तब उन्होंने बताया कि उन्होंने सीआईएसएफ में भर्ती कराने के लिये कुछ अभ्यर्थियों से पांच-पांच लाख रुपये लिए थे तथा फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों से छत्तीसगढ़ के फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र और आधार कार्ड बरामद किए गए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए छह आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली थी कि सत्यपाल सिंह सीआईएसएफ की सभी लिखित परीक्षा में शामिल हुआ था। वहीं नत्थीलाल अभ्यर्थियों से पैसा लेकर आया था। उन्होंने बताया कि इस सूचना के बाद पुलिस दल को आगरा भेजा गया तथा दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस दल ने इस मामले के मुख्य आरोपी डीएस तोमर की गिरफ्तारी के लिए भिंड में भी दबिश दी थी लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। तोमर मध्यप्रदेश में पुलिस आरक्षक है। इस मामले के पांच अन्य आरोपी फरार हैं। सभी की गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है।
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