श्रीलंका में हालात बिगड़े : सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 45 लोग गिरफ्तार

श्रीलंका में हालात बिगड़े : सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 45 लोग गिरफ्तार

कोलंबो। आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। आलम यह है कि अपना आपा खो चुके हजारों लोग गुरुवार देर रात कोलंबो में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास बाहर जा पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। श्रीलंका पुलिस ने सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे …

कोलंबो। आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। आलम यह है कि अपना आपा खो चुके हजारों लोग गुरुवार देर रात कोलंबो में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास बाहर जा पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। श्रीलंका पुलिस ने सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 45 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। कोलंबो शहर के ज्यादातर इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि एक बस, एक जीप और दो मोटरसाइकिल को आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के, पानी के एक ट्रक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।” कोलंबो के अधिकतर हिस्सों और केलानिया के उपनगरीय पुलिस डिवीजन में गुरुवार आधी रात को कर्फ्यू लगा दिया गया।

आपको बता दें कि श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा की कमी हो गई है, जिस कारण यह पुराने कर्जों को नहीं चुका पा रहा है। कर्ज चुकाने के लिए श्रीलंका के पास पर्याप्त मात्रा में डॉलर भी नहीं है। श्रीलंका में यह आर्थिक संकट इस साल की शुरुआत से गहराया है, जिससे यहां के लोग काफी प्रभावित हैं।

राष्ट्रपति आवास के पास विरोध प्रदर्शन ‘आतंकी कृत्य’
श्रीलंका सरकार ने मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आवास के पास हुए हिंसक प्रदर्शन को शुक्रवार को ‘आतंकी कृत्य’ करार दिया और इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े ‘चरमपंथी तत्वों’ को जिम्मेदार ठहराया। डेली मिरर समाचार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के पास हुई हिंसा में एक चरमपंथी समूह शामिल था। बयान में कहा गया है कि घटना में शामिल लोगों में से कई को गिरफ्तार कर लिया गया है और इनमें से कई के संगठित चरमपंथी होने का पता चला है। इस बीच, श्रीलंका के परिवहन मंत्री दिलुम अमुनुगामा ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति आवास के पास हुई हिंसा एक “आतंकी कृत्य” थी। पर्यटन मंत्री प्रसन्ना रणतुंगा ने हिंसा के लिए विपक्षी दलों-समागी जान बालवेगया (एसजेबी) और जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) से जुड़े “चरमपंथी तत्वों” को जिम्मेदार ठहराया।

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