बरेली: होली का त्योहार नजदीक आजे ही और बढ़ने लगी बेचैनी

बरेली: होली का त्योहार नजदीक आजे ही और बढ़ने लगी बेचैनी

बहेड़ी, अमृत विचार। गन्ना मूल्य भुगतान में करीब ढाई महीने पीछे चल रही केसर शुगर मिल से जुड़े मध्यम तथा निम्न वर्गीय किसानों का सब्र टूटता हुआ नजर आ रहा है। नतीजतन, गन्ना डालने को लेकर किसान अब दूसरी चीनी मिलों की ओर रूख करने लगे हैं। मालूम हो कि,केसर शुगर मिल का पेराई सत्र …

बहेड़ी, अमृत विचार। गन्ना मूल्य भुगतान में करीब ढाई महीने पीछे चल रही केसर शुगर मिल से जुड़े मध्यम तथा निम्न वर्गीय किसानों का सब्र टूटता हुआ नजर आ रहा है। नतीजतन, गन्ना डालने को लेकर किसान अब दूसरी चीनी मिलों की ओर रूख करने लगे हैं।

मालूम हो कि,केसर शुगर मिल का पेराई सत्र नवंबर के पहले हफ्ते से शुरू हुआ था। मार्च का पहला हफ्ता बीतने को है पर मिल अभी तक केवल 20 दिसंबर तक का भुगतान कर सकी है। होली का त्योहार तथा अन्य जरूरतों से परेशान किसान अब विकल्प खोजने लगा है। बताते हैं कि तमाम किसान अपना गन्ना मीरगंज ले जाने लगे हैं जहां उन्हें 225 रूपए कुंतल के हिसाब से नकद भुगतान मिल जा रहा है।

बताया जाता है कि हरदोई जनपद के शाहबाद के नजदीक की चीनी मिलें एक हफ्ते की उधारी पर सरकारी रेट पर गन्ना खरीद रही हैं तो जरूरत के मारे कुछ किसान 150 किमी से भी अधिक दूरी तय कर वहां गन्ना ले जा रहे हैं और उनकी देखा-देखी अन्य किसान भी मन बनाने लगे हैं। किसान को संतुष्ट करने के लिए केसर शुगर मिल प्रति किसान महीने में एक कुंतल चीनी दे रही है पर यह सहूलियत ऊंट के मुंह में जीरा जैसी है। इसके साथ ही मिल पेस्टीसाइड भी मुहैया करा रही है।पर इससे किसानों को अपना भला होता नजर नहीं आ रहा है।इसको लेकर किसानों में खासी नाराजगी है।