बरेली: मंडलायुक्त की भी नहीं सुनी, लटकाया नवदिया झादा का फ्लाईओवर

बरेली: मंडलायुक्त की भी नहीं सुनी, लटकाया नवदिया झादा का फ्लाईओवर

बरेली, अमृत विचार। बड़ा बाईपास पर नवदिया झादा चौराहा दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में शामिल है। यहां अब तक 10 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए करीब छह महीने पहले तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने फ्लाईओवर बनवाने की पैरवी की थी। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष को …

बरेली, अमृत विचार। बड़ा बाईपास पर नवदिया झादा चौराहा दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में शामिल है। यहां अब तक 10 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए करीब छह महीने पहले तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने फ्लाईओवर बनवाने की पैरवी की थी। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष को पिछले साल अक्टूबर में चिट्ठी भेजी थी। इसमें जुलाई 2017 में यहां हुए भयानक हादसे में 20 लोगों की मौत का भी जिक्र किया था।

अक्टूबर में ही पीडब्ल्यूडी ने नवदिया झादा में फ्लाईओवर बनाने के लिए एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी को पत्र भेजा था, मगर मंडलायुक्त और पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता की पैरवी का कोई नतीजा सामने नहीं आया। एनएचएआई ने मंडलायुक्त की भी नहीं सुनीं और फ्लाईओवर निर्माण की परियोजना लटका दी।

एनएच-30 (पहले एनएच-24) दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के शहर से होकर गुजरे बड़ा बाईपास हिस्से में नवदिया झादा में बीसलपुर-बरेली हाईवे की सड़क भी क्रॉस करती है। इस वजह से हाईवे पर आए दिन हादसे होते हैं। यहां कई भयंकर हादसों में कई लोग जान गंवा चुके हैं। पांच जुलाई 2017 में यहां मार्ग दुर्घटना में 20 लोगों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन ने यहां हादसे रोकने के लिए फ्लाईओवर निर्माण की परियोजना तैयार कराई थी।

करीब दो साल पहले तत्कालीन पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर राकेश राजवंशी ने यहां करीब एक किलोमीटर लंबे प्रस्तावित फ्लाईओवर का डिजाइन तैयार कर करीब सौ करोड़ रुपये के खर्च की लागत का आगणन भी तैयार किया था। बाद में इस प्रोजेक्ट को लेकर चल रही कवायद ठप हो गई। इसे लेकर 16 अक्टूबर, 2020 में तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद ने एनएचएआई के अध्यक्ष को पत्र भेजकर इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए पैरवी की थी। इसमें उन्होंने जुलाई 2017 में हुए हादसे का भी जिक्र किया था।

इससे दो दिन पहले 14 अक्टूबर 2020 में पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता डीके तिवारी ने एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी को भी नवदिया झादा में फ्लाईओवर के निर्माण को महत्वपूर्ण बताते हुए फ्लाईओवर बनाने की स्वीकृति दिलाने का आग्रह किया था। गौरतलब है कि इससे पहले भी प्रशासन और पीडब्ल्यूडी के उच्चाधिकारियों ने एनएचएआई के अधिकारियों को इस फ्लाईओवर को बनाने के लिए कई भेज चुके हैं। बावजूद इस परियोजना को नहीं शुरू किया जा पा रहा है।

नवदिया झादा तक बीसलपुर रोड को भी किया जाना था चौड़ा
बीसलपुर रोड को नवदिया झादा तक चौड़ा किया जाना था। आबादी बढ़ने के साथ ही इस रोड पर यातायात का दबाव भी बढ़ रहा है। यहां नकटिया नदी पर दो पुल के निर्माण भी हो चुके हैं। जबकि रोड चौड़ी न होने से यहां यातायात सुगमता के साथ पास नहीं हो पा रहा है। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने रोड चौड़ीकरण की योजना बनाई थी लेकिन यह काम भी नहीं शुरू हो पा रहा है।

“नवदिया झादा में लखनऊ-दिल्ली हाईवे के ऊपर से फ्लाईओवर बनाने के लिए कई बार मंडलायुक्त व पीडल्यूडी की ओर से एनएचएआई के अधिकारियों को पत्र भेजे जा चुके हैं लेकिन इनके जवाब नहीं आए हैं। इससे यह परियोजना भी नहीं शुरू की जा पा रही है।” -डीके तिवारी, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी